
बरेली 9 जुलाई 2025
पूज्य सद्गुरूदेव चित्रकूट वाले गुरूजी श्री रामचंद्र जी त्रिपाठी के अथक प्रयास व
आर्शीवाद से ऋषीश्वर समाज जामगढ़ द्वारा वर्ष 1949 में श्री ऋषीश्वर संस्कृत पाठशाला
की स्थापना हुई, जो आजतक निरन्तर संचालित है। यहॉँ विद्यार्थियों को आवास, भोजन,
पुस्तके निःशुल्क उपलब्ध करायी जाती है। पाठशाला में जमीन नहीं है। आकाश वृत्ति से
ऋषीश्वर समाज जामगढ़ व क्षेत्र के गुरूजी के शिष्यों के सहयोग से पाठशाला संचालित
है।
पूज्य गुरूजी के शिष्य वरिष्ठ समाजसेवी श्री नरसीप्रसाद जी शर्मा ने बताया कि प्रातः 9
बजे पूज्य गुरूजी की समाधी स्थल पर स्थित दिव्य मूर्ति की पंचामृत, गंगाजल, नर्मदाजल
से अभिषेक उपरान्त पंचोपचार पूजन कर आचार्य श्री शेषनारायण जी के सान्निध्य में
महाआरती की जावेगी एवं प्रसादी वितरण होगा।
होगी नवीन शिष्यों की भर्ती –
प्रतिवर्ष यहाँ गुरुपूर्णिमा के दिन नवीन विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाता है। यहॉँ कर्मकाण्ड,
वेद, ज्योतिष व्याकरण की निशुल्क शिक्षा दी जाती है। क्षेत्र में गुरूजी के शिष्यों द्वारा
कर्मकाण्ड, वेद और ज्योतिष में ख्याति पाई है। पूज्य गुरूजी से क्षेत्र के समाजसेवी,
शिक्षाविद्, संत, राजनेता, माननीय विधायक, सांसद, मंत्री, मुख्यमंत्री व देश के महामहिम
राष्ट्रपति शंकरदयाल जी शर्मा पूज्य गुरूजी से स्नेहपूर्ण आर्शीवाद लेते रहे है एवं ग्राम
जामगढ़ की पवित्र भूमि से जुड़े रहे है।
श्रावण मेला –
श्रावण मास आते ही भोलेनाथ के शिष्यों का देवभूमि पर्यटन स्थल जामगढ़ की विंध्यांचल
पर्वतमाला की शिव गुफा में स्थित भोलेनाथ के दर्शन हेतु आना शुरू हो जाता है।
विंध्यांचल पर्वतमाला की हरी-भरी तलहटी की पहाड़ी पर श्री भोलेनाथ की गुफा पर श्रावण
मास में मेला लगता है। यहां भोलेनाथ के शिष्य, श्रद्धालु व शैलानियों का हुजूम उमड़ता
है। भगवान जामवंत की गुफा, माता बाराही का मंदिर समीप ग्राम भगदेई में खजुराहो से
लेकर प्रसिध्द पाषाण का सुरई शिव मंदिर, माता कामख्या का मठ एवं पूरे विंध्यांचल पहाड़ी
पर जामवंत जलप्रपात एवं छोटे-बड़े झरने निरंतर कल-कल ध्वनियाँ करते रहते है।
जामवंत गुफा के समीप जामवंत सरोवर पानी से लवालव भर जाता है जिससे गुफा, पहाड़ी
की छटा और सुंदर लगती है और शिवभक्तों को आकर्षित करती है।
सड़क मार्ग, बिजली-पानी की गुहार –
पर्यटन स्थल जामगढ़ के देवस्थानों पर पक्का सड़क मार्ग न होने के कारण वाहनों के
आने जाने में असुविधा होती है। लेकिन फिर भी शैलानिया और श्रद्धालुओं का आना जाना
लगा रहता है। सभी स्थानों को सड़क मार्ग से जोड़ने का ग्रामीणजनों का शासन से
अनुरोध है।