
Hartalika Teej: हरतालिका तीज व्रत भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। यह पर्व कल 26 अगस्त को है। यह व्रत अखंड सौभाग्य, पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है। साथ ही, कुंवारी लड़कियां भी मनचाहे जीवनसाथी की कामना से यह व्रत रखती हैं।
इस व्रत को सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है, क्योंकि यह लगभग 24 घंटे तक निर्जला यानी बिना पानी के रखा जाता है। ऐसे में व्रत की सफलता के लिए सिर्फ नियमों का पालन करना ही काफी नहीं है, बल्कि कुछ खास बातों का ध्यान रखना भी जरूरी है खासकर व्रत से ठीक एक दिन पहले।
अगर आप सही तरीके से तैयारी नहीं करती हैं, तो निर्जला व्रत में भूख और प्यास से बुरा हाल हो सकता है। यह व्रत माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए किया था, इसीलिए इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की एक साथ पूजा की जाती है।
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हरतालिका तीज पूजन विधि
सामग्री:
- भगवान शिव, मां पार्वती और भगवान गणेश की मिट्टी की मूर्तियां।
- केले के पत्ते और पूजा के लिए आसन।
- पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल)।
- धूप, दीपक, अगरबत्ती।
- बेलपत्र, शमी के पत्ते, धतूरा, आक के फूल, गुड़हल के फूल।
- सुहाग का सामान (चूड़ियां, बिंदी, सिंदूर, मेहंदी)।
- फल और मिठाई (भोग के लिए)।
- चावल, हल्दी, चंदन, कुमकुम।
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ऐसे करें पूजा की तैयारी
- मूर्तियां स्थापित करें: सबसे पहले पूजा स्थल को साफ करें। एक चौकी पर केले के पत्ते बिछाएं और उस पर भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की मिट्टी की मूर्तियां स्थापित करें।
- जल चढ़ाएं: सबसे पहले गंगाजल या साफ पानी से मूर्तियों को स्नान कराएं।
- पंचामृत स्नान: इसके बाद पंचामृत से स्नान कराएं। स्नान कराने के बाद फिर से साफ जल से स्नान कराएं।
- श्रृंगार करें: अब माता पार्वती को सोलह श्रृंगार का सामान अर्पित करें। भगवान शिव को चंदन, धतूरा, बेलपत्र और फूल चढ़ाएं। गणेश जी को भी फूल, फल और दूर्वा अर्पित करें।
- दीप और धूप जलाएं: घी का दीपक और धूप-अगरबत्ती जलाएं।
- मंत्र जाप और कथा: भगवान शिव और माता पार्वती के मंत्रों का जाप करें। इसके बाद, हरतालिका तीज की व्रत कथा सुनें।
- आरती करें: आरती की थाली सजाकर भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें।
- भोग लगाएं: भगवान को फल और मिठाई का भोग लगाएं।
- क्षमा प्रार्थना: पूजा में हुई किसी भी गलती के लिए भगवान से क्षमा प्रार्थना करें।
- अगले दिन व्रत खोलें: अगले दिन सुबह फिर से पूजा करें और व्रत का पारण करें।
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हरतालिका तीज के दिन क्या करें
- निर्जला व्रत: इस दिन सूर्योदय से अगले दिन सूर्योदय तक पानी की एक बूंद भी नहीं पी जाती। यह व्रत कठोर तपस्या का प्रतीक है।
- शिवालय या घर में पूजा: शाम के समय भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें। आप घर में या मंदिर में पूजा कर सकते हैं।
- सोलह श्रृंगार: व्रत करने वाली महिलाओं को सोलह श्रृंगार करना चाहिए। इसमें मेहंदी, चूड़ियां, सिंदूर, बिंदी आदि शामिल हैं।
- पूजन सामग्री: भगवान शिव और माता पार्वती की मिट्टी की प्रतिमाएं बनाएं। पूजा में बेलपत्र, शमी के पत्ते, केले के पत्ते, धतूरा, आक के फूल, तुलसी, और सिंदूर का इस्तेमाल करें।
- हरतालिका तीज कथा: पूजा के समय हरतालिका तीज की व्रत कथा अवश्य सुनें। यह कथा व्रत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
- रात भर जागरण: इस दिन रात भर जागरण करने की परंपरा है। महिलाएं भजन-कीर्तन करती हैं और शिव-पार्वती की स्तुति करती हैं।
- दान: व्रत के अगले दिन सुबह पूजा के बाद किसी गरीब या ब्राह्मण को दान देना शुभ माना जाता है।
- व्रत का पारण: अगले दिन सूर्योदय के बाद ही व्रत का पारण करें। व्रत खोलने के बाद सबसे पहले मीठा और फल खाएं।
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व्रत से पहले क्या न खाएं
अगर आप चाहती हैं कि व्रत के दौरान आपको ज्यादा परेशानी न हो, तो व्रत से ठीक एक दिन पहले कुछ चीजों से परहेज करना बहुत जरूरी है।
- तले हुए और मसालेदार भोजन: व्रत के एक दिन पहले किसी भी तरह के ऑयली, मसालेदार या भारी भोजन को खाने से बचें। ये चीजें पेट को भरा हुआ महसूस कराती हैं, लेकिन इन्हें पचाने में शरीर को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिससे प्यास अधिक लगती है।
- चाय और कॉफी: कैफीन वाली ड्रिंक्स जैसे चाय, कॉफी और सोडा ड्रिंक्स को व्रत के ठीक पहले दिन बिल्कुल न पिएं। कैफीन शरीर को डिहाइड्रेट कर देता है, जिससे शरीर को ज्यादा पानी की जरूरत होती है। जब आप व्रत के दिन पानी नहीं पिएंगी, तो प्यास बहुत तेजी से लगेगी।
- तली हुई मिठाइयां: गुलाब जामुन, बालूशाही, घेवर, मालपुआ जैसी तली हुई मिठाइयां भी खाने से बचें। ये चीजें गला सुखाती हैं और ज्यादा प्यास लगती है। इन मिठाइयों में मौजूद चीनी और तेल शरीर में पानी की कमी का कारण बन सकते हैं।
- ज्यादा बोलना: व्रत वाले दिन बहुत ज्यादा बोलने से भी बचें, क्योंकि इससे गला सूखता है और प्यास अधिक लगती है। अपना ध्यान पूजा-पाठ और भक्ति में लगाने से मन शांत रहता है और शरीर में ऊर्जा बनी रहती है।
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व्रत से पहले क्या खाएं
निर्जला व्रत को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए शरीर को पहले से ही हाइड्रेट और एनर्जेटिक रखना जरूरी है। सरगी में शामिल होने वाले खाद्य पदार्थों का चयन सोच-समझकर करें।
- फल और फलों का जूस: व्रत के एक दिन पहले और सरगी के समय खीरा, अनानास, स्ट्रॉबेरी जैसे पानी वाले फल खाएं। ये शरीर को हाइड्रेट रखते हैं और जरूरी विटामिन और मिनरल्स भी देते हैं। फलों का ताजा जूस भी एक बेहतरीन विकल्प है।
- नारियल पानी: सरगी में नारियल पानी शामिल करना सबसे फायदेमंद होता है। इसमें प्राकृतिक इलेक्ट्रोलाइट्स होते हैं जो शरीर के पानी के संतुलन को बनाए रखते हैं। यह पूरे दिन लगने वाली प्यास से बचाता है और शरीर को एनर्जी देता है।
- ड्राई फ्रूट्स: बादाम, काजू, अखरोट, अंजीर और किशमिश जैसे मेवे सरगी में जरूर खाएं। इनमें हेल्दी फैट्स और फाइबर होता है जो पेट को लंबे समय तक भरा रखते हैं और प्यास भी कम लगती है।
- दूध और दूध से बने उत्पाद: दूध, दही या पनीर खाने से शरीर में पोषण और ऊर्जा बनी रहती है। ये पचने में आसान होते हैं और शरीर को हाइड्रेट भी रखते हैं।
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