
रविवार शाम को मंदिरों नहीं बजे झालर-घंटी और ना सुनाई दी शंख की मधुर ध्वनि
सिटी बीट न्यूज
बरेली (रायसेन)।
काफी समय बाद ऐसा हुआ कि बरेली नगर के सभी मंदिरों के पट रविवार शाम को खुले ही नहीं और न ही संध्या आरती हुई और ना ही बजे शंख, झालर घंटे। कारण कुछ भी था केवल ऐसा चन्द्र ग्रहण के कारण हुआ।
ऐसा इसलिये हुआ
रविवार की संध्या बरेली नगरवासियों के लिए सामान्यतः हर शाम से अलग रही। हर संध्या मंदिरों में आरती और भजन की गूंज सुनाई देती है, किंतु आज की शाम नगर के सभी मंदिरों में न तो आरती हुई, और न ही शंख झालरापाटन और घंटी की सुमधुर स्वरूप सुनाई दिए क्योंकि आज शाम बरेली नगर के किसी भी मंदिर के शाम को पट ही नहीं खुले।
ज्योतिष और धर्माचार्यों के अनुसार चन्द्रग्रहण के समय मंदिरों के द्वार बंद रखने तथा पूजा-अर्चना नहीं करने का विधान है। इसी परंपरा का पालन करते हुए बरेली नगर के समस्त मंदिरों के पट बंद रहे । रामलीला मैदान के श्रीराममंदिर, शक्ति धाम मंदिरों, श्रीजी मंदिर, माँ कालीजी मंदिर, श्री राधाकृष्ण मंदिर,बस स्टैंड का मां दुर्गा मंदिर, हनुमान गढ़ी, किनगी रोड वाले हनुमान मंदिर तथा नगर के सभी हनुमान मंदिर, शिवालय एवं अन्य मंदिरों के पट रविवार दोपहर से ही बंद रहे। श्रद्धालु ने दूर से ही हर दिन के नियमानुसार दर्शन किए।
यह कहा पंडितों और धर्माचार्यों ने
धर्माचार्यों का कहना है कि ग्रहणकाल में पूजा-पाठ व मांगलिक कार्य वर्जित रहते हैं। इसी कारण न केवल आरती स्थगित रही, बल्कि मंदिरों के भीतर दीप भी प्रज्वलित नहीं किए गए। ग्रहण समाप्ति के उपरांत शुद्धिकरण और विशेष पूजन का विधान किया जाएगा।
यह कहा नगरवासियों ने
नगर के किनगी रोड निवासी शिवदयाल साहू , राजू शर्मा, दिलीप गौर तथा मुकेश सिमरैया आदि ने कहा कि लंबे समय बाद ऐसा अवसर आया जब मंदिरों की घंटियों और आरती की ध्वनि रविवार की संध्या आरती में सुनाई नहीं दी। उन्होंने कहा कि नियम के अनुसार भगवान् के दर्शन मंदिर के बाहर से ही सिर झुकाकर कर दिए।
चलते रहे भजन कीर्तन
रविवार को चंद्रग्रहण के चलते पट बंद रहे, किन्तु नियमित भजन कीर्तन के कार्यक्रम मंदिरों के परिसरों में चलते रहे।