
MP News: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी जून महीने में मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल का दौरा करेंगे। इस दौरान मध्य प्रदेश कांग्रेस द्वारा जातिगत जनगणना के समर्थन में प्रदेशव्यापी जनजागरूकता अभियान चलाया जाएगा। भोपाल में एक बड़े सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा, जिसमें राहुल गांधी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। यह जानकारी पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने भोपाल स्थित प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दी।
राहुल गांधी का जातिगत जनगणना पर रुख
जीतू पटवारी ने कहा कि राहुल गांधी ने पिछले 11 वर्षों में दो लाख बार अलग-अलग मंचों पर जातिगत जनगणना कराने की बात की है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के अन्य नेताओं ने इस मुद्दे पर कई तरह के विरोधी बयान दिए हैं।
जातिगत जनगणना की यह जीत राहूल गांधी जी की उस सतत लड़ाई का हिस्सा है, जिसमें उन्होंने बार-बार भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों को न केवल उजागर किया, बल्कि उन्हें वापस लेने के लिए बाध्य किया।
📍भोपाल
√ #प्रेसवार्ता pic.twitter.com/rmigl3diVb— Jitendra (Jitu) Patwari (@jitupatwari) May 1, 2025
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जीतू पटवारी ने कसा पीएम मोदी पर तंज
जीतू पटवारी ने नरेंद्र मोदी के बयान पर तंज कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने जातिगत जनगणना पर कहा था कि “जातियों की बात करना पाप है।” इसी तरह, योगी आदित्यनाथ ने जातिगत जनगणना के विरोध में बयान दिया था कि “बटोगे तो कटोगे।” इन बयानों का उद्देश्य जातिगत जनगणना के खिलाफ था। नितिन गडकरी के बयान को भी पटवारी ने उठाया, जिसमें गडकरी ने जात-पात की बात करने वालों को सख्त शब्दों में चेतावनी दी थी, “जो जात-पात की बात करेगा, उसे मैं लात मारूंगा।” इस बयान को भी जातिगत जनगणना के खिलाफ बताया गया।
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‘जाति जनगणना को राष्ट्रीय विमर्श का केंद्र बनाया’
जीतू पटवारी ने कहा कि राहुल गांधी ने जाति जनगणना को सामाजिक समानता का आधार बनाकर इसे राष्ट्रीय विमर्श का केंद्र बना दिया। उन्होंने बीजेपी की वंचित-विरोधी नीतियों की आलोचना करते हुए इसे सार्वजनिक रूप से उजागर किया। राहुल गांधी ने तेलंगाना के जातिगत सर्वेक्षण को एक पारदर्शी और समावेशी मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया। इसके साथ ही उन्होंने 50% आरक्षण सीमा को हटाने की मांग उठाकर बीजेपी की दलित और पिछड़ा वर्ग विरोधी मानसिकता को चुनौती दी।
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जातिगत जनगणना पर राहुल गांधी की जीत
जीतू पटवारी ने कहा कि यह जातिगत जनगणना की जीत राहुल गांधी की लंबी लड़ाई का हिस्सा है। उन्होंने बीजेपी की जनविरोधी नीतियों को बार-बार उजागर किया और उन्हें वापस लेने के लिए मजबूर किया। यह निर्णय कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी के अडिग संकल्प का परिणाम है।