जर्मन अखबार का दावा : मोदी ने नहीं उठाया ट्रम्प का फोन, बातचीत से इनकार किया

जर्मन अखबार FAZ ने रिपोर्ट में कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चार बार कॉल किया। मोदी ने इन कॉल्स का जवाब नहीं दिया।

रिपोर्ट के अनुसार ट्रम्प की व्यापार नीति और भारत को ‘डेड इकोनॉमी’ कहने से मोदी नाराज हो गए। दोनों नेताओं के बीच पहले अच्छे रिश्ते थे, लेकिन अब व्यापार मुद्दे पर तनाव बढ़ गया है।

ट्रंप की व्यापार नीति और भारत पर असर

अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रम्प ने भारत पर 50% टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जिसमें से 25% टैरिफ जुर्माने के तौर पर लगाया गया है। यह टैरिफ 27 अगस्त से लागू होने वाला है।

ट्रम्प का कहना है कि भारत रूस से तेल खरीदकर पुतिन को यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में मदद कर रहा है। ट्रम्प की यह टिप्पणी मोदी सरकार के लिए कड़ा संदेश थी, क्योंकि भारत ने कभी भी चीन के खिलाफ अमेरिका के साथ पूरी तरह खड़े होने का वादा नहीं किया था।

टैरिफ और व्यापार समझौतों पर भारत का रुख

भारत ने अमेरिका के साथ होने वाली व्यापार वार्ता को रद्द कर दिया है, और अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल को नई दिल्ली आने से रोक दिया गया है। मोदी सरकार की इस कार्रवाई के पीछे अमेरिकी राष्ट्रपति की व्यापार नीति और भारत को लेकर उनके आक्रामक रवैये को लेकर नाराजगी थी।

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व्यापार घाटा और टैरिफ की भूमिका

अखबार के मुताबिक, ट्रम्प का व्यापार नीति का तरीका यह है कि पहले व्यापार घाटे को लेकर किसी देश पर हमला किया जाता है, फिर ऊंचे टैरिफ की धमकी दी जाती है। इसके बाद डर के कारण बातचीत होती है और अंत में वह ऊंचे टैरिफ को लागू करके कुछ छूट दे कर खुद को विजेता बताने की कोशिश करते हैं। हालांकि, इस बार प्रधानमंत्री मोदी ने झुकने से इनकार कर दिया।

चीन और रूस के मुद्दे पर भारत का रुख

ट्रम्प की चीन के खिलाफ भारत का उपयोग करने की रणनीति भी विफल रही है। भारत ने कभी भी चीन के खिलाफ अमेरिका के साथ पूरी तरह खड़े होने का वादा नहीं किया था, और इसका मोदी सरकार पर भी गहरा असर पड़ा है।

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भारत के मन में चीनी धोखा और ट्रम्प का रवैया

2014 में, जब चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत दौरे पर आए थे, उस समय भारत और चीन के रिश्तों में ठंडक आ गई थी। इसके बाद से मोदी और जिनपिंग के रिश्तों में सुधार की कोशिश की गई थी, लेकिन चीन के सैनिकों द्वारा भारतीय इलाके में घुसपैठ ने स्थिति को और बिगाड़ दिया था। ट्रम्प के हालिया रवैये से भी मोदी को वही पुराना अपमान याद आ गया है।

भारत-अमेरिका के रिश्ते: फरवरी से अब तक बदलाव

फरवरी में ट्रम्प ने मोदी को व्हाइट हाउस बुलाया था और उनकी तारीफ की थी, लेकिन अब ट्रम्प के हालिया ‘डेड इकोनॉमी’ बयान ने दोनों देशों के रिश्तों को एक नई दिशा में मोड़ दिया है।

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वियतनाम और ट्रम्प का प्रदर्शन

अखबार में यह भी उल्लेख किया गया कि ट्रम्प ने वियतनाम के सुप्रीम लीडर के साथ टैरिफ के मुद्दे पर चर्चा की थी, लेकिन इसे पूरी तरह से बदला गया और ट्रम्प ने दावा किया कि वियतनाम के साथ समझौता हो गया, जबकि ऐसा कुछ नहीं हुआ था। मोदी ने भी इस तरीके का विरोध किया और इस प्रकार के “स्टंट” से बचने के लिए ट्रम्प से बातचीत से इनकार कर दिया।

अमेरिकी टैरिफ से भारत की इकोनॉमी पर असर

ट्रम्प के द्वारा लगाए गए 50% टैरिफ से भारत के एक्सपोर्ट पर बुरा असर पड़ सकता है। भारत का 20% एक्सपोर्ट, जिसमें कपड़े, ज्वेलरी और ऑटो पार्ट्स शामिल हैं, अमेरिका जाता है। यह भारी टैरिफ भारत की आर्थिक वृद्धि दर को प्रभावित कर सकता है, जिससे भारत की वृद्धि दर 6.5% से घटकर 5.5% हो सकती है।

FAQ

मोदी ने ट्रम्प के फोन कॉल्स का जवाब क्यों नहीं दिया?

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रम्प के फोन कॉल्स का जवाब नहीं दिया क्योंकि वह ट्रम्प की आक्रामक व्यापार नीति और भारत को ‘डेड इकोनॉमी’ कहे जाने से नाराज थे। मोदी ने अमेरिका के व्यापार समझौतों में हस्तक्षेप से बचने के लिए इन कॉल्स को नकारा किया।

ट्रम्प के व्यापार टैरिफ का भारत पर क्या असर पड़ेगा?

ट्रम्प द्वारा लागू किए गए 50% टैरिफ से भारत के एक्सपोर्ट पर बुरा असर पड़ेगा। इससे भारत की अर्थव्यवस्था में मंदी आ सकती है, क्योंकि 20% एक्सपोर्ट अमेरिका को जाता है, जिसमें कपड़े, ज्वेलरी और ऑटो पार्ट्स शामिल हैं।

भारत और अमेरिका के रिश्तों में तनाव क्यों बढ़ा है?

भारत और अमेरिका के रिश्तों में तनाव इस वजह से बढ़ा है क्योंकि ट्रम्प ने भारत पर उच्च टैरिफ लगाए हैं और भारत को ‘डेड इकोनॉमी’ कहा है। इसके अलावा, भारत ने अमेरिका के व्यापार वार्ता को रद्द कर दिया और अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल को दिल्ली आने से रोक दिया।

 50% टैरिफ विवाद | भारत-अमेरिका व्यापार विवाद | भारत अमेरिका व्यापार समझौता

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