विघ्नहर्ता मंगलमूर्ति का हुआ नगर बरेली में भव्य आगमन — भक्तिमय हुआ वातावरण

बरेली सहित गाँव-गाँव में गूंजे गणपति बप्पा मोरया

प्रदीप धाकड़/कमल याज्ञवल्क्य
बरेली (रायसेन)।

विघ्न विनाशक, मंगल के दाता भगवान श्री गणेश की स्थापना मंगलवार को नगर बरेली सहित क्षेत्र के गांवों में श्रद्धा और उल्लास के साथ की गई। सुबह से ही गणपति प्रतिमाओं को लाने की तैयारियाँ शुरू हो गई थीं। ढोल-नगाड़ों और बैंड-बाजों की धुन पर भक्तों की टोलियाँ नाचतें हुए पंडालो तक और गांवों की गलियों तक गणप​ति जी का आगमन हुआ । पूरा वातावरण “गणपति बप्पा मोरया, मंगल मूर्ति मोरया” के जयघोष से गूंजता रहा।

बरेली में विराजे है भव्य महागणपति

नगर बरेली में अनेक स्थानों पर विघ्नों को हरने वाले विघ्न विनाशक भव्य रूपों में विराजे हैं। नाहर नगर में भगवान भव्य रूप में सोहागपुर से पधारे हैं श्री विनायक उत्सव समिति सहित सभी नाहर नगर वासियों ने भगवान शिव पार्वती नन्दन की भव्य अगवानी की। समिति के सदस्यों ने भक्तिमय भजनों पर थिरकते हुए पूरे उत्साह के साथ महागणपति जी का भव्य स्वागत कर वैदिक विधान से मोदक प्रिय भगवान महागणपति की स्थापना कराई।

भक्तिभाव से सजाई गई झांकियाँ

नगर बरेली में गणेश प्रतिमाओं को लेकर सैकड़ों श्रद्धालु मोटरसाइकिल, ऑटो, ट्रैक्टर-ट्रॉली, जीप और कारों पर सवार होकर निकले। हर वाहन को फूलों, झालरों से सजाया गया था। कई जगह महिलाओं ने मंगलगीत गाकर गणपति का स्वागत किया। बच्चों में भी उत्साह देखते ही बनता था।

गांव-गांव में गूंजे भजन और आरती

गांवों में भी श्रद्धालुओं ने बड़े हर्षोल्लास से गणेश प्रतिमाओं की स्थापना की। मंदिरों और चौपालों में गणपति पंडाल सजे हुए हैं। पंडितों ने विधि विधान से मंगल के दाता की स्थापना कराई। खबर ​लिखे जाने तक यह क्रम जारी था। इसी के साथ दस दिवसीय धार्मीक अनुष्ठान का भी श्री गणेश व्रत-पूजन सुख-समृद्धि की कामना के साथ हो गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं ने भी पंडालों की सजावट में सक्रिय भूमिका निभाई है।

श्रद्धालुओं की भावनाएँ

भक्तों ने कहा कि “गणेश चतुर्थी पर हर वर्ष हम गणपति को नगर से लेकर गांव में लाते हैं। यह पर्व हमें एकता और भक्ति का संदेश देता है।” वहीं,एक भक्त प्रवीन गौर ने बताया कि “गणपति स्थापना से घर-आंगन पवित्र हो जाता है। सभी पूरे दस दिन आनंद और उमंग से भरे रहते हैं।” बरेली सहित संपूर्ण अंचल में गणपति उत्सव का उल्लास देखते ही बनता है। श्रद्धा और आस्था का यह संगम आने वाले दिनों तक पूरे क्षेत्र को भक्तिमय बनाए रखेगा।

 

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