
भैंस के दूध के लिए परेशान होते रहे भक्त
प्रदीप धाकड़/कमल याज्ञवल्क्य
रायसेन/बरेली।
भाद्रपद शुक्ल पंचमी को महिलाओं द्वारा मनाया जाने वाला ऋषि पंचमी पर्व गुरूवार को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया गया। यह पर्व सनातन संस्कृति में विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इस दिन सप्तऋषियों की पूजा-अर्चना कर ऋषि परंपरा के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की जाती है। सुबह से ही बरेली नगर व ग्रामीण अंचल में महिलाएं व्रत-पूजन की तैयारियों में लगीं। स्नान-ध्यान के बाद वे उन्होंने घरों और मंदिरों में कलश स्थापना कर सप्तऋषियों का चित्र अथवा प्रतीक रूप रखकर पूजन किया गया। पारंपरिक कथा का श्रवण किया गया। मंदिरों में भी सुबह से शाम तक विशेष पूजन-अर्चना हुई। महिलाओं ने व्रत-उपवास कर ऋषियों की पारंपरिक पूजा की। इस दिन भैस के दूध और घी का ही पूजन में उपयोग किया जाता है। बरेली में सुबह से ही भैंस का दूध तलाशने कई परेशान होते रहे। कई भक्तों को भैंस दूध नहीं मिला। गांव गांव भैंस के दूध की उपल्बधता में परेशानी रही। फिर भी महिलाओं ने आस्था सहित पूजन और व्रत किया।