
मालपुआ और गुड़ की पूरी का किया दान
संतान सुख एवं परिवार की मंगलकामना से किया व्रत
प्रदीप धाकड़/कमल याज्ञवल्क्य
बरेली (रायसेन)।
शनिवार को बरेली नगर सहित अंचल में संतान सप्तमी का पावन पर्व श्रद्धा और आस्था के साथ देर शाम तक मनाया गया। यह व्रत संतान की दीर्घायु,स्वस्थ जीवन, और उज्ज्वल भविष्य के लिए विशेष रूप से महिलाएं करती हैं। माता-पिता अपनी संतान के मंगलमय जीवन हेतु इस दिन भगवान शिव — पार्वती माता परिवार की पूजा अर्चना वैदिक एवं परंपरागत रूप से करते है। संतान सप्तमी व्रत पूजन एवं आराधना करने से संतान को आयु,बल, तेज और बुद्धि की प्राप्ति होती है। संतान की उन्नति हेतु माताएं संतान सप्तमी कथा का श्रवण करती हैं।
मालपुआ और गुड़ की मीठी पूरी बनाती हैं।
संतान सप्तमी के पर्व पर पूजन के लिए मालपुआ एवं गुड़ की मीठी पूरी बनाई जाती हैं। कई महिलाओं ने बताया कि सात मालपुआ या गुड़ की मीठी पूरी केला के पत्ते में रखकर पूजा कराने वाले पंडित जी को दी दी गईं। तथा इतनी ही संख्या में स्वयं प्रसाद के रूप में ग्रहण की । मंदिरों में सामूहिक रूप से संतान सप्तमी की पूजन की हुई। इसके अलावा घरों में भी पूजा की गई। महिलाओं ने सामूहिक रूप से संतान सप्तमी की कथा का पाठ किया और संतान के सुख-समृद्ध जीवन के लिए भगवान् से प्रार्थना की।
हुई चांदी के चूरा (कड़ा) की पूजन
संतान सप्तमी पर पूजन में चांदी अथवा सोने के चूरा (कड़ा) रखकर पूजना की गई। डीएलएस ज्वेलर्स के उपेन्द्र ,केशव सोनी ने बताया कि दो दिन पहले से ही चांदी एवं सोने के चूरे (कड़ा) की बिक्री शुरू हो गई थी,कई लोगों ने सोने के चूरा (कड़ा)के लिए पहले ही आर्डर कर दिए थे जो संतान सप्तमी के दिन ले गए थे। शनिवार को सुबह से ही सोने चांदी की दुकानों पर चूरा (कड़ा) खरीदने की भीड़ लगी रही।