रा​ष्ट्र​प​ति पुरस्कार प्राप्त नगर के गौरव कवि स्व गज्जे भैया की चतुर्थ पुण्यतिथि पर हुए कार्यक्रम

 

बरेली _ नगरी नहीं प्रदेश की साहित्यिक विरासत, राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त शिक्षाविद, बुंदेली हास्य कवि स्वर्गीय प्रभुदयाल खरे “गज्जे भैया” की चतुर्थ पुण्यतिथि पर गज्जे भैया स्मृति मंच, बरेली द्वारा व्याख्यान एवं कविता पाठ का आयोजन किया गया।
जिसमें नगर के कवि, कवियित्री प्रबुद्ध जन शामिल हुए मां सरस्वती एवं स्वर्गीय गज्जे भैया के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। कार्यक्रम दो चरणों में संपन्न हुआ प्रथम चरण में व्याख्यान, स्मृति प्रसंग को रखा गया जिसमें सर्वप्रथम वरिष्ठ पत्रकार सत्यनारायण याज्ञवल्क्य ने कहा कि गज्जे भैया वास्तव में नगर ही नहीं प्रदेश की साहित्यिक धरोहर हैं उनको सहेजना हम सबका कर्तव्य है, उनको साहित्यिक विरासत के रूप में स्थापित किया जाए। वरिष्ठ साहित्यकार पत्रकार अनिल वर्मा ने उनके साथ की यादों को एवं उनके क्रियाकलापों के बारे में विस्तार से बताया, दिलीप धारीवाल ने उनके साहित्यिक योगदान एवं उनका संपूर्ण जीवन परिचय उनके अर्जित सम्मानों के बारे में विस्तार से बताया , राधेश्याम पालीवाल ने उनके व्यक्तित्व, कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उनके सरल सहज स्वभाव के बारे में बताया, कौशलेंद्र रघुवंशी ने उनको भावपूर्ण श्रद्धांजलि देते हुए उनकी यादों को मंच से साझा किया खालिद ठेकेदार ने कहां की जितना सम्मान गज्जे भैया को मिलना चाहिए उतना अभी मिल नहीं रहा है हम सब की जिम्मेवारी है कि उनके नाम को आगे तक ले जाएं।
कार्यक्रम के द्वितीय चरण में कविता पाठ संपन्न हुआ जिसमें नगर के कवि कवियित्री ने कविता पाठ किया सर्वप्रथम कवि निखिल खरे के द्वारा सरस्वती वंदना से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ इसके बाद नन्ही कवियत्री कोशली साहू ने अपना काव्य पाठ किया वरिष्ठ गीतकार अशोक श्रीवास्तव ने गज्जे भैया को याद करते हुए कविता
* इतना सोचो प्यार की हर मन, निर्मल प्रेम भरा हो ।
आज का हर जीवन फूलों की महाकों से सबर हो ।।
हास्य व्यंग्य कवि गोविंद शर्मा ने अपनी हास्य की शैली में श्रोताओं को खूब गुदगुदाया और पिताजी के ऊपर एक कविता पढ़ी
*होठों की मुस्कान पिताजी
जीवन की पहचान पिताजी
दुनिया के इस कोलाहल में
मधुर सुरीली तान पिताजी*
कविता सुनकर सभी श्रोता भाव विभोर हो गए इसके बाद कवि प्रेम नारायण साहू जी ने कवि गज्जे भैया की याद में कविता पढ़ी
छा गई उदासी पूरे साहित्य के प्रेमियों में मन हुआ भीगा और आंखों में नमी है ।
कार्यक्रम भी होंगे और याद भी करेंगे तो मैं लेकिन गुरु जी हमें आपकी कमी है ।।
कवि डॉक्टर शंकर चौहान शिव गोविंद सिंह ने भी श्रोताओं को राष्ट्र प्रेम की कविता देशभक्ति से ओतप्रोत कर दिया कार्यक्रम का संचालन निखिल खरे ने किया अंत में सभी आगंतुकों कवियों, शिक्षाविदों का सम्मान स्मृति पत्र देकर गज्जे भैया स्मृति मंच की ओर से अखिल खरे निखिल खरे के द्वारा किया गया।

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