जबलपुर में किन्नरों के लिए विशेष विधिक शिविर: जजों ने बताए उनके संवैधानिक अधिकार

जबलपुर में किन्नर समुदाय के लिए विधिक जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। इसमें किन्नरों को उनके संवैधानिक अधिकारों की जानकारी दी गई। यह शिविर मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर हुआ। कार्यक्रम प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश आलोक अवस्थी के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया। शिविर विजय नगर स्थित अरमान फाउंडेशन में संपन्न हुआ।

किन्नरों को भी है बराबरी का हक

शिविर में जिला विधिक सहायता अधिकारी शक्ति रावत ने बताया कि संविधान में हर व्यक्ति को समान अधिकार प्राप्त हैं फिर चाहे वह किसी भी जाति, धर्म, लिंग या पहचान का हो। उन्होंने बताया कि किन्नर (ट्रांसजेंडर) व्यक्तियों को भी अन्य नागरिकों की तरह शिक्षा, रोजगार, सम्मान और सुरक्षा पाने का पूरा अधिकार है। न तो उन्हें रोजगार में भेदभाव का सामना करना चाहिए, न ही सामाजिक रूप से उन्हें दरकिनार किया जाना चाहिए।

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कानूनी दस्तावेजों में संशोधन का हक

इस दौरान किन्नर समुदाय के लोगों को यह जानकारी दी गई कि किन्नर (ट्रांसजेंडर) व्यक्ति अपनी पहचान के अनुरूप अपने कानूनी दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र आदि में आवश्यक परिवर्तन कर सकते हैं। यह प्रक्रिया पूरी तरह वैधानिक है और संबंधित अधिकारियों की सहायता से इसे पूरा किया जा सकता है।

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समस्या बताई, समाधान का मिला भरोसा

शिविर में उपस्थित ट्रांसजेंडर्स  चदा बही, निज्जो, इरफाना, नैना, सगुण, लारा, चनरा भाई, सनाया, भवानी, अकील खान, और भारती रॉय ने आधार कार्ड में नाम परिवर्तन की प्रक्रिया में आ रही परेशानियों को साझा किया। इस पर उन्हें आश्वासन दिया गया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उनके साथ खड़ा है और नियमों के अनुसार हरसंभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। रानी दुर्गावती शासकीय अस्पताल और रेलवे स्टेशन नं. 06 में भी शिविर आयोजित किया गया, जहां यह बताया गया कि यदि कोई व्यक्ति आर्थिक स्थिति या किसी अन्य कारण से न्याय नहीं प्राप्त कर पा रहा है, तो उसके लिए सर्वोच्च न्यायालय से लेकर तहसील न्यायालय तक निशुल्क विधिक सहायता उपलब्ध है ।

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सिर्फ अधिकार जानना नहीं

इस शिविर के दौरान यह साफ संदेश दिया गया कि ट्रांसजेंडर समुदाय को न केवल अपने अधिकारों के बारे में जागरूक होना चाहिए, बल्कि जब ज़रूरत हो तो उनके लिए आवाज़ भी उठानी चाहिए। यह शिविर न केवल कानूनी जानकारी देने का माध्यम बना, बल्कि ट्रांसजेंडर समाज को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में एक मजबूत कदम भी साबित होता हुआ नजर आ रहा है।

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