अंबेडकर मूर्ति विवाद: प्रशासन ने ग्वालियर-मुरैना सीमा पर रोका भीम आर्मी का काफिला

MP News: ग्वालियर हाईकोर्ट परिसर में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा स्थापना को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। बुधवार को भीम आर्मी भारत एकता मिशन ने महापंचायत आयोजित की थी। प्रशासन ने फूलबाग मैदान में इसे अनुमति नहीं दी। 

कार्यकर्ताओं को ग्वालियर-मुरैना बॉर्डर स्थित निरावली पॉइंट पर रोक दिया गया। इसके बावजूद 3,000 से अधिक लोग महापंचायत में शामिल हो गए। राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रतन सिंह ने मंच से कहा कि प्रतिमा हाईकोर्ट परिसर में ही स्थापित की जाएगी। आंदोलनकारी संविधान निर्माता को सम्मान देने की बात कर रहे हैं। 

रोके गए काफिले

प्रशासन ने दिल्ली, आगरा, धौलपुर और मुरैना से आने वाले काफिलों को सीमाओं पर रोकने की कोशिश की। इसका उद्देश्य भीड़ को शहर में प्रवेश से रोकना था। इसके बावजूद निरावली पॉइंट पर दोपहर तक 3,000 से अधिक कार्यकर्ता पहुंच गए। यह आंदोलन को ज़मीनी स्तर पर समर्थन मिलने और लोगों की गहरी भावना को दर्शाता है।

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मंच से चेतावनी

महापंचायत के मंच से राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रतन सिंह ने कहा कि बाबा साहब का सम्मान सर्वोपरि है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि शांतिपूर्ण ढंग से उनकी प्रतिमा की स्थापना नहीं हुई, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। नेताओं ने संविधान और सामाजिक न्याय की बात करते हुए कहा कि यह सिर्फ मूर्ति की बात नहीं, बल्कि पहचान और अधिकारों की लड़ाई है।

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सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद

विवाद को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के लिए पूरी तैयारी की। ग्वालियर शहर से मुरैना बॉर्डर तक 1,000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए। संवेदनशील इलाकों में वरिष्ठ अधिकारी गश्त कर रहे हैं। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए एम्बुलेंस भी तैयार रखी गई हैं। पुलिस ने कड़े निर्देश दिए हैं कि कानून व्यवस्था भंग न हो।

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हर दिन नए संगठनों का समर्थन

अंबेडकर प्रतिमा विवाद अब केवल एक संस्था का आंदोलन नहीं रह गया है। जय भीम संगठन के बाद अब अन्य सामाजिक संगठनों ने भी इसका समर्थन करना शुरू कर दिया है। इससे साफ है कि यह मुद्दा स्थानीय नहीं, बल्कि राष्ट्रीय हो चुका है। प्रशासन पर दबाव भी लगातार दवाब बढ़ता जा रहा है।

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ग्वालियर अंबेडकर प्रतिमा | जय भीम आर्मी

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