
मध्यप्रदेश के सीएम डॉ. मोहन यादव ने ऐशबाग आरओबी निर्माण में लापरवाही पर बड़ी कार्रवाई की। सीएम ने PWD के 7 इंजीनियर्स के खिलाफ सख्त कदम उठाए गए हैं। इनमें दो चीफ इंजीनियर्स और सात इंजीनियर्स को निलंबित किया गया है। एक सेवानिवृत सुपरिटेंडेंट इंजीनियर के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की जाएगी। बताया जा रहा है कि संदिग्ध अधिकारियों के खिलाफ 29 जून को आरोप तय किए जाएंगे।
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आरओबी का लोकार्पण नहीं होगा
इस प्रोजेक्ट के डिजाइन में गंभीर गड़बड़ियों के कारण निर्माण एजेंसी और डिजाइन कंसल्टेंट को ब्लैकलिस्ट किया गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि अब एक तकनीकी समिति बनाई गई है। यह समिति आवश्यक सुधार करेगी। सुधार के बाद ही इस आरओबी का लोकार्पण किया जाएगा।
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पीडब्ल्यूडी मंत्री की पहल पर जांच
पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह की पहल पर एनएचएआई से जांच करवाई गई। एनएचएआई की रिपोर्ट में कहा गया कि ब्रिज पर 35 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक गति पर वाहन चलाना खतरनाक हो सकता है। इसके बाद सरकार ने ब्रिज को दोबारा डिजाइन करने का फैसला लिया है।
तय समय में नहीं हुआ निर्माण
इस आरओबी का निर्माण कार्य मई 2022 में शुरू हुआ था। इसे 18 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य था। 18 करोड़ रुपए की लागत से बना यह 648 मीटर लंबा और 8 मीटर चौड़ा ब्रिज है। इसका एक हिस्सा रेलवे क्षेत्र के अंतर्गत आता है। हालांकि, यह अभी तक पूरी तरह से काम नहीं हो सका है।
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सीएम मोहन यादव | ऐशबाग ओवरब्रिज












