
मध्यप्रदेश में शिक्षा विभाग के जरिए ई-अटेंडेंस (E-Attendance) की प्रणाली लागू की गई है। इसके तहत कर्मचारियों और अधिकारियों को अपने कार्यस्थल पर उपस्थित दिखाने के लिए ऐप के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज करनी होती है।
इसके आधार पर ही कर्मचारियों और अधिकारियों को वेतन (Salary) दिया जाता है। यह प्रणाली हाल ही में पूरे राज्य में लागू की गई है और इसके तहत संबंधित विभागों ने अपने ऐप भी बनाए हैं, जिन पर उपस्थिति दर्ज करनी होती है।
विदिशा जिले में इस सिस्टम का विरोध तेज हो गया है। यहां के 2190 अतिथि शिक्षकों (Guest Teachers) में से केवल 467 शिक्षकों ने ही ई-अटेंडेंस ऐप पर अपनी उपस्थिति दर्ज की है, जो कुल संख्या का केवल 21% है। यह स्थिति तब सामने आई जब शिक्षा विभाग ने सख्त निर्देश दिए थे कि बिना उपस्थिति दर्ज किए कोई भी शिक्षक वेतन का हकदार नहीं होगा।
विदिशा में 467 ने ही ऐप पर उपस्थिति दर्ज की
विदिशा जिले के संयुक्त कलेक्टर एवं प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी शशि मिश्रा के अनुसार, जिले में 2190 अतिथि शिक्षक कार्यरत है। इनमें से सिर्फ 467 शिक्षकों ने ही ऐप पर उपस्थिति दर्ज की है। उन्होंने बताया कि बाकी के शिक्षकों ने स्कूलों में तो उपस्थिति दर्ज की, लेकिन ई-अटेंडेंस सिस्टम के तहत ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज नहीं की।
अतिथि शिक्षकों बना रहे बहाने
अधिकारियों का कहना है कि कई बार के निर्देशों के बावजूद अतिथि शिक्षकों ने ऐप पर उपस्थिति दर्ज करना शुरू नहीं किया है। अतिथि शिक्षक इस पर विभिन्न तर्क दे रहे हैं, जैसे तकनीकी समस्याएं, ऐप का सही काम न करना, और उन्हें इस प्रणाली के बारे में जानकारी न होना।
मध्यप्रदेश में ई-अटेंडेंस ने फंसाया पेच, एक नजर में समझें…
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ई-अटेंडेंस के विरोध पर कार्रवाई की तैयारी
संचालक लोक शिक्षण भोपाल ने कलेक्टर और एसपी को एक पत्र भेजा है। इसमें ई-अटेंडेंस का विरोध करने वाले अतिथि शिक्षकों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की मंशा जाहिर की गई है। पत्र में यह कहा गया है कि यदि किसी भी संगठन या व्यक्ति के जरिए शासकीय निर्देशों का पालन न करने के लिए अतिथि शिक्षकों को शामिल किया जाता है, तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस पत्र में यह भी कहा गया है कि अतिथि शिक्षकों के खिलाफ कृत्य करने वाले व्यक्तियों को चिन्हित कर, उनके खिलाफ कार्रवाई हेतु प्रस्ताव जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से भेजा जाए। हालांकि, यह पत्र अभी तक एसपी और कलेक्टर तक नहीं पहुंचा है, लेकिन शिक्षा विभाग के जिला स्तर पर वाट्सएप ग्रुप्स में यह पत्र वायरल हो गया। इससे अतिथि शिक्षकों के बीच खलबली मच गई है।
ई-अटेंडेंस नहीं तो अतिथि शिक्षकों को वेतन नहीं
विभाग ने स्पष्ट किया है कि जिन अतिथि शिक्षकों ने ई-अटेंडेंस सिस्टम का पालन नहीं किया है, उनका वेतन नहीं दिया जाएगा। यह सिस्टम सरकारी कार्यों की पारदर्शिता और कर्मचारियों की उपस्थिति को सुनिश्चित करने के लिए लागू किया गया है। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि कोई भी व्यक्ति अगर शासकीय निर्देशों का पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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