सुप्रीम कोर्ट का अनोखा फैसला : जज बोले- तलाक के लिए ज्योतिष से पूछें सही समय

कोर्ट का अनोखा फैसला: शादी के बाद रिश्तों में खटास आना एक सामान्य बात है, लेकिन जब यह खटास तलाक तक पहुंचने लगे, तो स्थिति गंभीर हो जाती है। भारत में पिछले कुछ सालों में तलाक के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है।

सुप्रीम कोर्ट में एक ऐसा मामला सामने आया, जहां कपल को तलाक लेने के लिए ज्योतिष से सही समय पूछने का सुझाव दिया गया। यह एक अनोखा और दिलचस्प सुझाव था, जिसने भारतीय समाज में तलाक के मामलों को लेकर चर्चा का एक नया आयाम जोड़ा।

सुप्रीम कोर्ट का अनोखा निर्णय

सुप्रीम कोर्ट ने एक तलाक के मामले में पति-पत्नी को अनोखा सुझाव दिया। कोर्ट ने कहा कि शादी टूट चुकी है, और दोनों को अलग हो जाना चाहिए। इसके बाद कोर्ट ने कपल को सलाह दी कि वे ज्योतिष से सही समय पूछकर तलाक ले लें। यह सुझाव उन लोगों के लिए दिलचस्प हो सकता है जो ज्योतिष को विश्वास के रूप में मानते हैं।

ये खबर भी पढ़ें

Uttarkashi Cloudburst: पहाड़ी इलाकों में ही क्यों फटते हैं बादल ? जानिए इसके पीछे का कारण

क्या है इस निर्णय का मतलब?

इस फैसले का मतलब यह था कि कपल के बीच रिश्ते की दरार इतनी गहरी हो चुकी थी कि कोर्ट ने इसे आगे न बढ़ाने का सुझाव दिया। हालांकि, कोर्ट ने दोनों को एक शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण तरीके से इस रिश्ते को खत्म करने के लिए 4 सप्ताह का समय दिया, ताकि वे इस समय का सही उपयोग कर सकें।

भारत में बढ़ रहे तलाक के मामले

भारत में तलाक की दर में लगातार वृद्धि हो रही है। पहले भारत में तलाक के मामलों की दर बहुत कम थी, लेकिन अब यह बढ़ती जा रही है। पहले जहां केवल 1% भारतीय तलाक लेते थे, वहीं अब यह आंकड़ा बढ़कर कहीं ज्यादा हो चुका है। मनीकंट्रोल के सर्वे के अनुसार, पिछले सात सालों में तलाक के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है।

ये खबर भी पढ़ें

मौसम पूर्वानुमान (6 अगस्त): देशभर में हल्की बारिश का दौर, MP में उमस का रहेगा जोर

क्या है तलाक के बढ़ने का कारण…

👉 आर्थिक स्वतंत्रता: 

महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता में बढ़ोतरी तलाक के मामलों का एक प्रमुख कारण है। अब महिलाएं नाखुश विवाहों से बाहर निकलने का साहस पा रही हैं।

👉 समाजिक बदलती सोच:

अब शादी के दौरान सही उम्र का दबाव कम हो गया है, जिससे महिलाएं अपने जीवन साथी का चुनाव और बेहतर तरीके से कर पा रही हैं।

👉 नए जीवन को प्राथमिकता देना:

एक सर्वे के मुताबिक, 81% भारतीय महिलाएं अब अकेले रहना पसंद करती हैं और यह उनके आत्मनिर्भर होने का प्रतीक बन रहा है।

भारत में तलाक का बढ़ता रुझान…

👉 डेटिंग ऐप्स और शादी का रुझान

डेटिंग ऐप्स जैसे बम्बल के सर्वे के अनुसार, लगभग 81% भारतीय महिलाएं अब अकेले रहना पसंद करती हैं। यह सामाजिक बदलाव तलाक के बढ़ते मामलों को और बल देता है।

👉 नवविवाहित जोड़ों की सोच

एक और अध्ययन में यह पाया गया कि लगभग 65% नवविवाहित जोड़े बच्चा नहीं पैदा करने का निर्णय ले रहे हैं। यह एक नया ट्रेंड है जो परिवार नियोजन की मानसिकता में बदलाव को दर्शाता है।

क्या है तलाक के मामलों में बढ़ोतरी के कारण?

भारत में तलाक के बढ़ते मामलों के पीछे कई सामाजिक, आर्थिक और मानसिक कारण हैं। रिलेशनशिप कोच और मेंटर लीना परांजपे ने बताया कि भारत में तलाक के मामलों में वृद्धि का प्रमुख कारण महिलाओं की बढ़ती आर्थिक स्वतंत्रता है। पहले महिलाएं विवाहित जीवन में ज्यादा समर्पित रहती थीं, लेकिन अब वे अपने नाखुश रिश्तों से बाहर आ रही हैं।

ये खबर भी पढ़ें

फर्जी गायनेकोलॉजिस्ट का खुलासा : 50 से ज्यादा सिजेरियन डिलीवरी करने वाला ‘मुन्ना भाई’ गिरफ्तार

सही उम्र में शादी का दबाव कम होना

दीपिका राठौर, एक अन्य रिलेशनशिप कोच, बताती हैं कि आजकल महिलाओं पर सही उम्र में शादी करने का दबाव कम हो गया है। पहले जहां परिवारों में जल्दी शादी करने का दबाव था, अब महिलाएं अपने करियर और आत्मनिर्भरता को प्राथमिकता देती हैं। इस बदलाव से तलाक के मामलों में भी बढ़ोतरी हो रही है।

तलाक के मामलों में ज्योतिष की भूमिका: एक नया दृष्टिकोण

भारत में ज्योतिष का महत्व बहुत गहरा है, और कई लोग जीवन के फैसले ज्योतिष के आधार पर लेते हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए सुझाव के बाद यह सवाल उठता है कि क्या ज्योतिष को सचमुच जीवन के बड़े फैसलों में शामिल किया जा सकता है? क्या इसका कोई वैज्ञानिक आधार है, या यह केवल एक विश्वास पर आधारित है?

इस पर विशेषज्ञों का कहना है कि ज्योतिष जीवन की अनिश्चितताओं को कम करने के लिए एक उपाय हो सकता है, लेकिन यह जरूरी नहीं कि हर फैसला ज्योतिष के आधार पर ही लिया जाए।

ये खबर भी पढ़ें

SBI ने किया नियमों में बड़ा बदलाव, 11 अगस्त से नहीं मिलेगा कस्टमर्स को इस सुविधा का लाभ, जानें पूरा मामला

भारत में तलाक के मामलों का भविष्य

तलाक के मामलों में वृद्धि और इसके कारणों पर समाज में बहस बढ़ रही है। अब समय आ गया है कि समाज इस पर गंभीरता से विचार करे और तलाक के मामलों को सुलझाने के लिए ठोस कदम उठाए। यदि तलाक के मामलों को समझदारी और समानता के साथ सुलझाया जाए, तो यह समाज के लिए एक सकारात्मक बदलाव साबित हो सकता है।

thesootr links

सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧

 

  • Related Posts

    मां हिंगलाज माता शिक्षण ​संस्था समिति के निर्वि​रोध अध्यक्ष बने सुरेन्द्र ​प्रकाश तिवारी

    समिति के प्रति पूरी निष्ठा के साथ समर्पित रहूंगा: श्री तिवारी   प्रदीप धाकड़ मो. 9425654291 बरेली ( रायसेन )।   मां हिंगलाज माता संस्कृत शिक्षण समिति बाड़ी, की आम…

    Read more

    रिमझिम बारिश से उमस और उड़ती धूल से फिलहाल राहत

    सिटी बीट न्यूज बरेली ( रायसेन )। मंगलवार 12 बजे तक उमस और उड़ती धूल के बीच नगर में हुई रिमझिम बारिश से नागरिकों को कुछ राहत मिली। इस दौरान…

    Read more

    You cannot copy content of this page