Trump Tariff Warning : ट्रंप की भारत के फार्मा सेक्टर पर 250% टैरिफ लगाने की धमकी, 6% तक गिरे शेयर के रेट

Trump Tariff Warning: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से भारत पर लगातार टैरिफ लगाने की धमकियां जारी है। कुछ दिन पहले डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के ऊपर 25 फीसदी तक टैरिफ लगाने की घोषणा की थी।

अमेरिका की ओर ये टैरिफ लगाने के बाद विश्व भर में हड़कंप सा मच गया था। लेकिन अब ट्रंप ने एक बार फिर से भारत के ऊपर टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी है। 

ट्रंप ने भारत के फार्मा सेक्टर पर निशाना साधते हुए 50-100 फीसदी नहीं, बल्कि सीधे 250 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी है। इसका सीधा असर फार्मा सेक्टर से जुड़ी भारतीय कंपनियों पर पड़ा। इस खबर के आते ही असर AjantaPharma, Biocon से लेकर Zydus जैसी कंपनियों पर दिखा। इन कंपनियो के शेयर कारोबार के दौरान बुरी तरह से टूटते हुए नजर आए।   

ट्रंप ने दी नई धमकी? 

ट्रंप ने व्हाइट हाउस से अपनी नई धमकी में अमेरिकी फार्मास्यूटिकल आयात पर भी हाई टैरिफ लगाने बात कही है। ट्रंप ने साथ में ये बात भी कही कि ये टैरिफ चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएंगे। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि, “पहले हम फार्मा सेक्टर पर छोटा टैरिफ लगाएंगे। उसके बाद हम अगले 18 महीनों में इस टैरिफ को बढ़ा कर सीधे 150 फीसदी कर देंगे। इसी के साथ उन्होंने टैरिफ को 250 फीसदी करने की बात भी कही। राष्ट्रपति ट्रंप ने बताया कि ये कदम अमेरिका के घरेलू प्रोडक्शन को बढ़ाने और उसे और मजबूत करने के लिए लिया गया है।  

भारत अमेरिका का बड़ा आयातक  

अमेरिका दवाईयों और दूसरे फार्मा प्रोडक्टस को आयात करने वाला सबसे बड़ा देश है। इस बात का अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है – बीते साल 2024 में दवाई और फार्मा प्रोडक्ट्स में अमेरिकी ने करीब 234 अरब डॉलर का ईंपोर्ट किया था। अमेरिका की US ईंपोर्ट लिस्ट में सबसे बड़े सप्लायर्स हैं-

  1. आयरलैंड
  2. स्विट्जरलैंड
  3. जर्मनी
  4. इटली
  5. चीन
  6. ब्रिटेन
  7. जापान
  8. भारत

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बीते साल 2024 में अमेरिका का भारत से आयात कुल 6 फीसदी रहा था, जिसकी वैल्यू 13 अरब डॉलर से भी ज्यादा बताई जा रही है।  अमेरिका अपने फार्मा प्रोडक्ट्स के लिए सबसे ज्यादा भारत पर ही डिपेंड करता है और भारत ही फार्मा प्रोडक्ट्स के मामले में अमेरिका का सबसे बड़ा एर्सपोर्टर है। बता दें कि भारत की जेनेरिक दवाइयों की अमेरिका में तगड़ी डिमांड है। ऐसे में ट्रंप के हाई टैरिफ पॉलिसी गेम के बाद इस सेक्टर से जुड़ी भारतीय कंपनियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।   

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टैरिफ क्या होता है

टैरिफ या आयात कर किसी राष्ट्रीय सरकार , सीमा शुल्क क्षेत्र या सुपरनैशनल यूनियन द्वारा माल के आयात पर लगाया गया शुल्क होता है और इसका भुगतान आयातक द्वारा किया जाता है। अपवादस्वरूप, माल या कच्चे माल के निर्यात पर निर्यात कर लगाया जा सकता है और इसका भुगतान निर्यातक द्वारा किया जाता है। राजस्व का एक स्रोत होने के अलावा, आयात शुल्क विदेशी व्यापार के नियमन और घरेलू उद्योग को प्रोत्साहित करने या उसकी सुरक्षा के लिए विदेशी उत्पादों पर बोझ डालने वाली नीति का भी एक रूप हो सकता है।   

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अमेरिका ने भारत पर फार्मा सेक्टर पर कितना टैरिफ लगाया

ट्रंप ने भारत के ऊपर फिर से टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी है। इस बार ट्रंप ने भारत के फार्मा सेक्टर पर टैरिफ 25 फीसदी से बढ़ाकर सीधा  250 फीसदी कर दिया है। इसका सीधा असर फार्मा सेक्टर से जुड़ी भारतीय कंपनी  AjantaPharma, Biocon और  Zydus पर दिखा। टैरिफ की खबर आने के बाद  इन कंपनियो के शेयर मार्केट में बुरी तरह परफॉर्म करते हुए नजर आई। 

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अमेरिका में कितने भारतीय रहते हैं 

अमेरिका में 5.2 मिलियन (52 लाख) से ज्यादा भारतीय रहते हैं। यह संख्या उन भारतीय मूल के लोगों को शामिल करती है जो अमेरिका में पैदा हुए हैं या जो भारत से आकर यहां बस गए हैं। भारतीय-अमेरिकी समुदाय अमेरिका में दूसरे सबसे बड़े एशियाई समूह के रहने वाले लोग है। भारतीय अप्रवासियों ने अमेरिका में उच्च शिक्षा, चिकित्सा, आईटी और पढ़ाई के क्षेत्रों में एक महत्वपूर्ण और अनोखी पहचान बनाई है। 

भारतीय दवाईयों की अमेरिका में खपत 

अमेरिका के लिए भारत दवाओं का एक प्रमुख बाजार है। इनमें सबसे खास दवाएं जेनेरिक दवाएं हैं। अमेरिका भारत से अपनी जेनेरिक दवाओं की पूर्ति लगभग 47% से पूरी करता है। अमेरिका ने भारत से साल 2023 में कुल $8 बिलियन मूल्य की दवाएं निर्यात की थी। भारतीय दवा कंपनियां अमेरिका को जीवन रक्षक, एंटीबायोटिक्स और पुरानी बीमारियों के इलाज के लिए आवश्यक दवाओं का निर्यात करता है। 

टैरिफ के बाद अमेरिका में भारतीय दवाईयों पर असर…

अमेरिका में भारतीय दवाओं पर टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद इनकी कीमतें बहुत अधिक बढ़ सकती हैं। तथ्य और आंकड़े:

अमेरिका ने भारत पर शुरुआती टैरिफ 25% लगा रखा था। जो नए टैरिफ रेट लगने के बाद आने वाले 1 से 1.5 साल में 150% से बढ़कर 250% तक जा सकता है।

इसका मतलब जो दवा पहले $100 में मिलती थी, उसपर 250% टैरिफ लगने के बाद उसकी कीमत $350 (तीन गुना से ज्यादा) हो सकती है।

अमेरिका की जेनेरिक दवाओं की लगभग 40% सप्लाई भारत से होती है, सो ये बढ़ोतरी व्यापक स्तर पर लागू होगी।

फिलहाल 25% टैरिफ से भी भारतीय मेडिसिन्स महंगी होना शुरू हो गई हैं।

भारत पर अगर 250% टैरिफ लागू होता है तो भारतीय कंपनियों को या तो कीमतें बहुत बढ़ानी पड़ेंगी या घाटा झेलना पड़ेगा।

कुल मिलाकर, 250% टैरिफ से भारतीय दवाएं अमेरिकी बाजार में तीन गुना से ज्यादा महंगी हो जाएंगी। 

भारतीय फार्मा कंपनी पर क्या असर… 

भारत को “फार्मेसी ऑफ द वर्ल्ड”  नाम से भी जाना जाता है।  यही नहीं अमेरिका भारतीय जेनेरिक मेडिसिन्स का सबसे बड़ा बाजार है। अगर अमेरिका भारत पर 250 प्रतिशत का टैरिफ लगाता है तो भारतीय फार्मा कंपनियों को दवाईंयों के रेट बढ़ाने पड़ सकते हैं। इससे क्या असर होगा 

  • निर्यात घटेगा
  • नौकरियों पर खतरा
  • सप्लाई चेन बाधित होगी 

भारतीय इकॉनॉमी पर कितना असर…  

भारत और अमेरिका के बीच 2024 में करीब 76,000 करोड़ रुपए की दवाओं का बिजनेस हुआ था। ये भारत के फार्मा एक्सपोर्ट का कुल 31% और अमेरिका को कुल निर्यात का 11% से ज्यादा है। टैरिफ लगने से अमेरिका को दवाओं का निर्यात महंगा हो जाएगा, जिससे भारतीय दवा कंपनियों की कमाई (एक्सपोर्ट रिवेन्यू) में भारी गिरावट आ सकती है। हालांकि अभी से ही इसका असर दिखने लगा है, Sun Pharma, Biocon, Zydus, Glaxo जैसी कंपनियों के शेयर 2-6% तक टूट चुके हैं।

इन कंपनियों पर दिखा सबसे ज्यादा असर…

  1. Sun Pharma
  2. Biocon
  3. Zydus
  4. Glaxo 
  5. AjantaPharma 
  6. Alkem Lab
  7. Torrent Pharma
  8. Cipla
  9. Lupin

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