MPCA में प्रेसिडेंट पद संभालने के पहले पिता ज्योतिरादित्य के साथ खजराना गणेश मंदिर पहुंचे महानआर्यमन

मप्र क्रिकेट के सबसे बड़े संघ एमपीसीए में सिंधिया परिवार की तीसरी पीढ़ी के तौर पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पुत्र महानआर्यमन सिंधिया मंगलवार दो सितंबर को प्रेसिडेंट का पद संभाल रहे हैं। उनके साथ ही पूरी नई मैनेजिंग कमेटी निर्विरोध आ रही है। महानआर्यमन ही प्रेसिडेंट होंगे यह सबसे पहले एक्सक्लूसिव सूत्र ने 5 अगस्त को प्रकाशित की थी।

खजराना गणेश की पूजा, पिता ने किया आगे

सोमवार रात को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और महानआर्यमन सिंधिया इंदौर आ गए थे। वह सुबह दस बजे सबसे पहले खजराना गणेश मंदिर पहुंचे और करीब चार मिनट तक गर्भगृह में भगवान की पूजा की। इस दौरान सिंधिया अपने पुत्र को पूरी पूजा में आगे रखे हुए थे। माला, प्रसाद आदि में महानआर्यमन से वह हाथ लगवाकर चढ़वा रहे थे।

मंत्रोच्चार के बीच भक्ति भाव से वह पूजा करते रहे। इस दौरान मंत्री तुलसी सिलावट और विधायक महेंद्र हार्डिया भी उनके साथ थे। इसके बाद सभी एजीएम के लिए होलकर स्टेडियम पहुंच गए। यहां एजीएम में नई मैनेजिंग कमेटी की घोषणा कर पदभार ग्रहण कराया जाएगा।

यह सभी निर्विरोध आ रहे हैं

एमपीसीए की नई मैनेजिंग कमेटी पूरी तरह से निर्विरोध आ रही है।

  • प्रेसिडेंट – महानआर्यमन सिंधिया
  • वाइस प्रेसिडेंट – विनीत सेठिया
  • सेक्रेटरी- सुधीर असनानी
  • ज्वाइंट सेक्रेटरी- अरूंधति किरकिरे
  • ट्रेजरार- संजीव दुआ
  • वहीं एक्जीक्यूटिव कमेटी के लिए- राजीव रिसोड़कर, प्रसून कनमड़ीकर, संध्या अग्रवाल और विजेश राणा हैं।
  • संस्थागत सदस्य- सिंधिया स्कूल ग्वालियर व जहांगीराबाद क्रिकेट क्लब जबलपुर
  • संभागीय सदस्य- इंदौर, ग्वालियर, नर्मदापुरम, शहडोल व रीवा

सबसे युवा प्रेसिडेंट महानआर्यमन

एमपीसीए का गठन 1957 में हुआ था। एसोसिएशन के 68 साल के इतिहास में सबसे कम उम्र में प्रेसिडेंट पद पर आने वाले महानआर्यमन होंगे।

माधवराव सिंधिया- (1982 में उम्र 39 साल में, 2001 तक)- महानआर्यमन के दादा और ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता स्वर्गीय माधवराव सिंधिया का क्रिकेट से जबरदस्त लगाव था और यही आगे की पीढ़ियों तक गया। माधवराव 37 साल की उम्र में साल 1982 में एमपीसीए में प्रेसिडेंट बने और वह साल 2001 तक इस पद पर रहे। वह 1990 से 1993 तक बीसीसीआई प्रेसिडेंट पद पर भी रहे।

ज्योतिरादित्य सिंधिया- (साल 2004 में 33 साल में, 2019 तक)- महानआर्यमन के पिता और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पिता माधवराव सिंधिया के निधन के बाद साल 2004 में प्रेसिडेंट पद पर आए। वह साल 2010 तक तो निर्विरोध आते रहे लेकिन साल 2010 और फिर 2012 में (तब एमपीसीए कार्यकाल दो साल का होता था), तत्कालीन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय मैदान में आ गए और प्रेसिडेंट पद पर चुनाव हुए। दोनों बार विजयवर्गीय को करारी हार हुई।

महानआर्यमन सिंधिया- महानआर्यमन अभी 29 साल के हैं। वह साल 2022 में ग्वालियर डिवीजनल क्रिकेट एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट बने थे और दिसंबर 2022 में एमपीसीए के लाइफ टाइम मेंबर बने थे। वह मप्र प्रीमियम लीग एमपीएल के भी चेयरमैन हैं और दो बार इसका सफलतापूर्वक आयोजन कर चुके हैं।

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जब कैलाश विजयवर्गीय ने दी चुनौती

एमपीसीए में एक दौर ऐसा आया जब सिंधिया परिवार को किसी ने चुनौती दी हो। यह काल था 2010 से 2012 का। तब तत्कालीन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने एमपीसीए में कदम रखा और क्रिकेट की राजनीति में सिंधिया को चुनौती दी। तब सिंधिया कांग्रेस में से थे। साल 2010 के चुनाव में सिंधिया को 142 वोट और विजयवर्गीय को केवल 70 वोट मिले और वह 72 वोट से हार गए। लेकिन विजयवर्गीय ने फिर 2012 के चुनाव में प्रेसिडेंट पद पर सिंधिया को चुनौती दी और इस दौरान सिंधिया को 150 और विजयवर्गीय को 73 वोट मिले और फिर करारी हार हुई। तब विजयवर्गीय ने कहा भी मैं क्लीन बोल्ड हो गया। इसके बाद फिर संभावना थी कि साल 2014 में विजयवर्गीय चुनौती देंगे क्योंकि तब नियम के अनुसार सिंधिया को जीत के लिए दो तिहाई वोट की जरूरत होती। लेकिन तब दोनों के बीच सहमति बनी और चुनाव नहीं हुए। इसके बाद प्रेसिडेंट पद पर कोई चुनाव नहीं हुए।

लोढ़ा कमेटी के कारण हटे थे ज्योतिरादित्य सिंधिया

क्रिकेट में राजनीतिक दखल को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लोढ़ा कमेटी बनी और उनकी सिफारिशें लागू हुई। जिसके तहत मंत्री, सांसद, विधायक इन सभी को बाहर कर दिया गया। इसके साथ ही कई अन्य सुधार लागू हुए, जिसमें कार्यकाल तीन साल किया गया, लगातार दो बार पद पर रहने के बाद कूलिंग पीरियड में जाना होगा और अधिकतम उम्र 70 साल कर दी गई। इसी के तहत अभी बीसीसीआई प्रेसिडेंट पद से रोजर बिन्नी ने इस्तीफा दिया। यह लागू होने पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी एमपीसीए में पद से दूरी बना ली, हालांकि एमपीसीए चलता उन्हीं की सलाह पर है और सभी फैसले उन्हीं की मंजूरी से होते हैं।

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कनमड़ीकर की भी तीसरी पीढ़ी

सिंधिया के साथ ही कनमड़ीकर की तीसरी पीढ़ी भी कमेटी में आ रही है। प्रसून कनमड़ीकर एक्जीक्यूटिव कमेटी में आ रहे हैं। उनके पिता स्वर्गीय मिलिंद कनमड़ीकर एमपीसीए में सचिव रह चुके हैं वहीं प्रसून के दादा अनंतवागेश कनमड़ीकर भी बीसीसीआई में सचिव से लेकर एमपीसीए में भी कई पदों पर रहे।

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