स्व-सहायता समूहों की महिलाओं को समृद्ध बनाने निजी भूमि पर लगाई जा रही है फलोद्यान की बगिया
सिटी बीट न्यूज नेटवर्क बरेली रायसेन।

रायसेन जिले के सांची जनपद के ग्राम कचनारिया में एक बगिया मॉ के नाम परियोजना के तहत सांची विधायक डॉ प्रभुराम चौधरी, पूर्व केबीनेट मंत्री रामपाल सिंह, कलेक्टर अरूण कुमार विश्वकर्मा, जिला पंचायत सीईओ श्रीमती अंजू पवन भदौरिया द्वारा हितग्राही दीदी श्रीमती मुल्लो बाई के साथ फलदार पौधे रोपित किए गए। उजाला स्व-सहायता समूह से जुड़ी हितग्राही श्रीमती मुल्लो बाई की आधा एकड़ कृषि भूमि पर एक बगिया मॉ के नाम परियोजना के तहत आम के पचास पौधे रोपित किए गए हैं। हितग्राही श्रीमती मुल्लो बाई को पौधे क्रय करने तथा रोपित करने और उनकी सुरक्षा हेतु तार फेंसिंग आदि के लिए राशि स्वीकृत की गई है। विधायक डॉ चौधरी द्वारा पौधरोपण के उपरांत सभी को स्वच्छता शपथ भी दिलाई गई। इस अवसर पर राकेश शर्मा, स्थानीय जनप्रतिनिधि तथा अधिकारी भी उपस्थित रहे।

प्रदेश सरकार द्वारा स्व-सहायता समूह की महिलाओं को समृद्ध बनाने के लिए महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत एक बगिया मॉ के नाम परियोजना शुरू की गई है जिसमें स्व-सहायता समूह की महिलाओं की निजी भूमि पर फलोद्यान की बगिया लगाने हेतु पौधे रोपित किए जा रहे हैं। परियोजना के तहत शासन द्वारा हितग्राहियों को पौधे, खाद, गड्ढे खोदने के साथ ही पौधों की सुरक्षा के लिए कटीले तार की फेंसिंग और सिंचाई के लिए जल कुंड निर्माण हेतु राशि प्रदान की जा रही है। प्रदेश में पहली बार अत्याधुनिक तकनीक से पौधरोपण का कार्य किया जा रहा है। इसके लिए सिपरी सॉफ्टवेयर की मदद ली जा रही है। इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से पौधरोपण के लिए जमीन का चयन वैज्ञानिक पद्धति (सिपरी सॉफ्टवेयर) के माध्यम से किया गया है। जमीन चिन्हित होने के बाद सॉफ्टवेयर की मदद से ही भूमि का परीक्षण किया गया है। जलवायु के साथ ही किस जमीन पर कौन सा फलदार पौधा उपयोगी है, पौधा कब और किस समय लगाया जाएगा, पौधों की सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी कहाँ पर उपलब्ध है, यह सब वैज्ञानिक पद्धति (सिपरी सॉफ्टवेयर) के माध्यम से पता लगाया जा रहा है। पौधरोपण का कार्य सही ढंग से हो रहा है या नहीं, पौधे कहाँ लगे हैं, कहाँ नहीं लगे, इसकी ड्रोन-सैटेलाइट इमेज से निगरानी भी की जा रही है।













