
CG News। छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटाले को लेकर के ईओडब्ल्यू ने आज बड़ा खुलासा किया है। ईओडब्ल्यू ने 7 जुलाई 2025 को विशेष कोर्ट में चालान पेश किया। चालान में यह दावा किया है कि छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला 2161 करोड नहीं, बल्कि 3200 करोड़ से भी अधिक का है। ईओडब्ल्यू छत्तीसगढ़ इसकी जांच कर रही है।
EOW के अनुसार पूर्व गणना के आधार पर यह शराब घोटाला सभी तरह के कमीशन दुकानों में बिना ड्यूटी अतिरिक्त देशी शराब की बिक्री को जोड़कर लगभग 2161 करोड़ रुपये का माना जा रहा था।
किन्तु नई जांच के आधार पर घोटाले की संपूर्ण राशि 3200 करोड़ रुपये से भी अधिक संभावित है। विदेशी शराब पर सिंडीकेट द्वारा लिए गए कमीशन का डिटेल इन्वेस्टिगेशन ईओडब्ल्यू और एसीबी के द्वारा किया जा रहा है।
अवैध शराब का कोडवर्ड बी-पार्ट था
इस कार्य में दुकानों के सेल्समैन, सुपरवाइजर, आबकारी विभाग के निचले स्तर के अधिकारी दुकान प्रभारी अधिकारी से लेकर जिला प्रभारी आबकारी अधिकारी शामिल थे। इस तरह की शराब को बी-पार्ट की शराब के नाम से जाना जाता था।
इसकी बिक्री वाली रकम को अलग से एकत्र कर जिला स्तर पर जिला प्रभारी आबकारी अधिकारी के नियंत्रण में सिंडीकेट के लोगों तक पहुंचाने का काम किया जाता था।
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2019-2023 तक चला रैकेट
वर्ष 2019 में लेकर 2023 के दौरान ये अधिकारी उन 15 बड़े जिलों में जिला प्रभारी अधिकारी या अन्य पदों पर कार्यरत थे। जहां अन एकाउंटेड बिना ड्यूटी पेड शराब की ब्रिकी शासकीय शराब दुकानों में ड्यूटी पेड शराब को समानांतर की गई। कुछ अधिकारी इस अवैध शराब बिक्री के लिए राज्य स्तर पर समन्वय का काम कर रहे थे।
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15 बड़े जिलों का हुआ चुनाव
जांच पर मिले तथ्यों के आधार पर राज्य स्तर पर बस्तर और सरगुजा संभाग को छोड़कर, 15 ऐसे बड़े जिलों का चुनाव किया गया था, जिसमें देशी शराब की खपत अधिक थी। उन चिन्हित जिलों में ऐसी देशी शराब दुकान जिसमें शराब की खपत ज्यादा थी।
आबकारी सिंडीकेट के निर्देश के मुताबिक डिस्टलरियों में अतिरिक्त शराब निर्माण कर, ट्रकों में भरकर शराब सीधे चुने हुए जिलों के अधिक बिक्री वाले देशी शराब दुकानों में भेजे जाते थे। इस तरह की शराब को बिना किसी प्रकार का शासकीय शुल्क ड्यूटी पटाये, नियमतः डिस्टलरी से वेयर हाऊस शासकीय डिपो से मांग के आधार पर दुकानों में लाई गई वैध शराब के समानांतर बेची गई।
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60,50,950 पेटी देशी शराब का घोटाला
लगभग तीन साल की अवधि में बी— पार्ट के शराब की शासकीय शराब दुकानों में अवैध बिक्री गणना आयकारों के जिला प्रभारी अधिकारी, आबकारी के मंडल प्रभारी अधिकारी, आबकारी के दुकान प्रभारी, आबकारी के वृत्त प्रभारी अधिकारियों के अधीन काम करने वाले आरक्षक/प्रधान आरक्षक।
मैन पावर सप्लाई एजेंसी के जिला कोआर्डिनेटर, मैन पॉवर सप्लाई एजेंसी लोकेशन ऑफिसर, मैन पावर सप्लाई एजेंसी के दुकानों को सुपरवाईजर, मैन पावर सप्लाई एजेंसी के दुकान के सेल्समैन, टॉप सिक्युरिटी एजेंसी में जिला प्रभारी के तौर पर कार्य कर रहे कर्मचारीगण।
जिलों से बी-पार्ट के पैसों को एकत्र कर सिंडीकेट तक पहुंचाने वाले एजेंटो सहित लगभग 200 लोगों के बयान एवं डिजिटल साक्ष्य के आधार पर शासकीय शराब दुकानों में आरोपी अधिकारियों के शह पर लगभ 60,50,950 पेटी देशी शराब जिसकी कीमत 2174 करोड़ रुपये अनुमानित बेची गई है।
जिसका एक निश्चित हिस्सा जिले में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारियों के साथ-साथ दुकान के सेल्समैन और सुपरवाईज को भी मिलता था।
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पूर्व मंत्री सहित 13 लोग गिरफ्तार
इस आबकारी घोटाले के जांच के दौरान पूर्व में अनिल टुटेजा, कवासी लखमा, विजय भाटिया सहित 13 लोगों को गिरफ्तार किया है। प्रकरण में विवेचना जारी है।
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