निजी स्कूलों की मनमानी, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग तक पहुंची शिकायत

BHOPAL. मध्यप्रदेश में एक बार फिर निजी स्कूलों की मनमानी की शिकायत राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग तक पहुंची है। आयोग के सामने निजी विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों पर फीस के दबाव, पुस्तक और बैग खरीदी में कमीशनखोरी और अव्यवस्थाओं के मामले उठाए गए हैं। वहीं स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रशासन के प्रयासों पर भी सवाल खड़े किए गए हैं।  

स्कूलों में सुधार के दावे रहे खोखले

प्रदेश में स्कूलों की आड़ में बच्चों और अभिभावकों से जमकर वसूली हो रही है। प्रशासन के लाख दावों के बावजूद स्कूल प्रबंधन लगातार फीस बढ़ा रहे हैं। इसके अलावा हर साल स्कूल प्रबंधन के इशारे पर चिन्हित दुकानों से किताब और बैग जैसी सामग्री खरीदने का दबाव बनाया जा रहा है।

इससे जहां अभिभावकों पर आर्थिक भार बढ़ रहा है और बच्चे भी इसके कारण असहज हो रहे हैं। इसको लेकर जबलपुर, इंदौर और भोपाल सहित तमाम बड़े शहर और छोटे कस्बों में भी अभिभावक प्रदर्शन कर चुके हैं। प्रशासनिक और शिक्षा विभाग के अधिकारी एडवाइजरी और निर्देश जारी करने के बाद भी स्कूल प्रबंधन की मनमानी पर कसावट नहीं कर पाए हैं। 

ये खबरें भी पढ़िए :

ESB की सुपरवाइजर भर्ती परीक्षा को लेकर हाईकोर्ट का आया अहम आदेश

तोमर बंधुओं की अग्रिम जमानत याचिका खारिज… पिछले डेढ़ महीने से है फरार

स्कूल और बसों में सुरक्षित नहीं बच्चे

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग पहुंचे कांग्रेस नेता विवेक त्रिपाठी ने अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो के सामने निजी स्कूल की मनमानियों के उदाहरण सहित ब्यौरा पेश किया है। त्रिपाठी ने शिक्षा सत्र की शुरूआत में प्रशासन के दावों के बावजूद किताब, बैग की खरीदी स्कूलों की चिन्हित दुकानों से कराने के मामले भी गिनाए हैं।

वहीं उन्होंने तगड़ी फीस वसूलने के बाद भी बड़े स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के प्रबंध नाकाफी होने की शिकायत भी की। उन्होंने पिछले साल के कुछ मामलों से भी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को अवगत कराया। उनकी शिकायत में स्कूल बच्चों में बच्चियों की सुरक्षा के पर्याप्त संसाधन नहीं होने की भी शिकायत की है। 

ये खबरें भी पढ़िए :

जवानों को मिली बड़ी सफलता… 2.27 करोड़ के 62 इनामी नक्सलियों ने किया सरेंडर

RAJASTHAN Top News : राजस्थान की बड़ी खबरें

पुस्तकों के बोझ से दबे जा रहे छात्र

आयोग में की गई शिकायत के अनुसार बच्चों पर स्कूल प्रबंधन लगातार कॉपी-किताबों का बोझ बढ़ाते जा रहे हैं। इस बोझ की वजह से छोटे और मासूम बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास प्रभावित हो रहा है। उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है।

स्कूल प्रबंधन अपने फायदे के लिए हर साल सिलेबस बदल रहे हैं। शिकायत दर्ज कराने वाले विवेक त्रिपाठी ने निजी स्कूलों में अलग-अलग प्रकाशनों की पुस्तकों पर रोक लगाकर एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम शामिल करने की मांग आयोग से की है।  

thesootr links

सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧👩

  • Related Posts

    मां हिंगलाज माता शिक्षण ​संस्था समिति के निर्वि​रोध अध्यक्ष बने सुरेन्द्र ​प्रकाश तिवारी

    समिति के प्रति पूरी निष्ठा के साथ समर्पित रहूंगा: श्री तिवारी   प्रदीप धाकड़ मो. 9425654291 बरेली ( रायसेन )।   मां हिंगलाज माता संस्कृत शिक्षण समिति बाड़ी, की आम…

    Read more

    रिमझिम बारिश से उमस और उड़ती धूल से फिलहाल राहत

    सिटी बीट न्यूज बरेली ( रायसेन )। मंगलवार 12 बजे तक उमस और उड़ती धूल के बीच नगर में हुई रिमझिम बारिश से नागरिकों को कुछ राहत मिली। इस दौरान…

    Read more

    You cannot copy content of this page