
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के खिलाफ एक और कड़ा कदम उठाया है, जिसमें उन्होंने भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने का आदेश साइन किया है। यह आदेश बुधवार शाम को जारी किया गया और इसके पीछे की वजह भारत द्वारा रूस से तेल की लगातार खरीद को बताया गया है।
ट्रंप का कहना है कि यह कदम रूस को आर्थिक मदद से रोकने के लिए उठाया गया है। यह टैरिफ 27 अगस्त 2025 से लागू होगा और इसके प्रभाव में अमेरिका को निर्यात किए जाने वाले सामानों पर अतिरिक्त शुल्क लगेगा।
ट्रंप का टैरिफ आदेश और उसका असर
यह आदेश अमेरिका के राष्ट्रीय आपातकाल के तहत लिया गया, जिसे 2022 में रूस की यूक्रेन पर सैन्य कार्रवाई के बाद जारी किया गया था। ट्रंप ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत ने रूस से तेल खरीद जारी रखकर अमेरिका के प्रतिबंधों का उल्लंघन किया है, और इसी कारण भारत पर यह टैरिफ लगाया गया है। इस कदम से अमेरिका और भारत के व्यापारिक रिश्तों में और तनाव बढ़ सकता है।
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भारत के लिए यह कदम क्यों है खास?
भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्ते महत्वपूर्ण हैं, लेकिन यह कदम भारत के निर्यात के लिए एक चुनौती हो सकता है। 25% अतिरिक्त टैरिफ उन वस्तुओं पर लागू होगा, जो 27 अगस्त 2025 के बाद अमेरिका भेजी जाएंगी। इससे पहले जिन वस्तुओं को भेजा जाएगा, उन पर यह शुल्क लागू नहीं होगा। ट्रंप ने यह भी कहा कि अगर कोई अन्य देश रूस से तेल खरीदता है, तो उस पर भी इस तरह का टैरिफ लागू किया जाएगा।
भारत रणनीति बदलने पर करेगा विचार
भारत ने इस आदेश पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन यह स्पष्ट है कि यह कदम भारत के लिए बड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है। व्यापारियों और निर्यातकों को अब अपनी रणनीतियों को बदलने पर विचार करना होगा। भारत के लिए यह जरूरी होगा कि वह अमेरिका के साथ इस मामले पर बातचीत करें ताकि इस स्थिति का समाधान निकाला जा सके।
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रूस से तेल खरीदने वाले अन्य देशों पर कार्रवाई
ट्रंप ने इस आदेश में यह भी चेतावनी दी है कि यदि अन्य देश भी रूस से तेल खरीदने की कोशिश करते हैं, तो उन पर भी इसी तरह की कार्रवाई की जा सकती है। इसका मतलब यह है कि रूस के साथ व्यापार करने वाले अन्य देशों को भी इस तरह के टैरिफ का सामना करना पड़ सकता है।
वाणिज्य मंत्री की भूमिका और आगे की रणनीति
अमेरिकी वाणिज्य मंत्री इस बात की जांच करेंगे कि क्या अन्य देशों के खिलाफ भी इसी तरह के कदम उठाए जाएं। साथ ही, विदेश मंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति आगे की कार्रवाई पर निर्णय लेंगे। यह कदम अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए एक नई दिशा में संकेत दे सकता है।
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क्या रूस के खिलाफ खत्म हो सकता है टैरिफ?
ट्रंप ने यह भी कहा कि अगर रूस अपने रवैये में बदलाव लाता है और अमेरिका की नीति के अनुरूप कदम उठाता है, तो यह टैरिफ हटाया जा सकता है। लेकिन फिलहाल के लिए, यह कदम रूस के साथ व्यापार करने वाले देशों के लिए बड़ा झटका हो सकता है।
पेट्रोलियम उत्पादों पर भी कार्रवाई
यह आदेश केवल रूस से सीधे तेल खरीदने पर नहीं, बल्कि किसी तीसरे देश के माध्यम से रूस से तेल खरीदी पर भी लागू होगा। यानी, भारत अगर किसी अन्य देश से तेल खरीदेगा, लेकिन उसका स्रोत रूस होगा, तो उस पर भी यह अतिरिक्त टैरिफ लागू हो सकता है। यह कदम रूस से परोक्ष तेल खरीद को भी सीमित करने के लिए उठाया गया है।
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