
विधि विधान से की पूजा, बांधे फुलेरा
प्रदीप धाकड़/ कमल याज्ञवल्क्य
बरेली (रायसेन)।
आस्था और श्रद्धा का पावन पर्व हरितालिका तीजा मंगलवार की शाम से रात भर बरेली सहित क्षेत्रभर में धूमधाम और भक्ति भाव से मनाया गया। यह पर्व खासकर सुहागिन महिलाओं और युवतियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। व्रती स्त्रियाँ भगवान शंकर और माता पार्वती के परिवार की पूजा-अर्चना कर अखंड सौभाग्य और दांपत्य सुख की मंगलकामना की।
यह है पर्व का पौराणिक महत्व
पंडित सुजय पारासर ने बताया कि पौराणिक कथा के अनुसार,माता पार्वती ने हिमालय पर कठोर तप कर भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए इसी हरितालिका व्रत का संकल्प लिया था। उनकी इस अटूट भक्ति और तपस्या से प्रसन्न होकर शिवजी ने उन्हें वरण किया। तभी से यह व्रत सुहागिनें अपने पतियों की दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए तथा कुंवारी कन्याएँ उत्तम वर प्राप्ति की कामना से करती हैं।
बरेली अंचल में रहा विशेष उत्साह
बरेली नगर सहित आसपास के गांवो में महिलाएँ ने सोमवार रात से निर्जला व्रत रखकर मंगलवार की रात में चारो पहर की पूजा की। मंदिरो एवं घरों में फुलेरा बांधकर रात्रि को सामूहिक रूप से हरितालिका तीजा की कथा सुनी, जिसमें पार्वती जी की तपस्या और शिवजी से उनका मिलन विस्तार से वर्णित किया गया। कई स्थानों पर शिव-पार्वती विवाह की झाँकी भी सजाई गई। नगर के प्रमुख मंदिरों—हनुमानगढ़ी, शिव मंदिर,पिपलेश्वर महादेव मंदिर, प्रेम नगर कॉलोनी का शिव मंदीर, नाहर कॉलोनी, शक्ति नगर, छोटा बाजार,दालमील, महेश पुरम, महावीर कॉलोनी, किनगी रोड के हनुमान मंदिर आदि स्थानों के साथ ही गाँव-गाँव के मंदिरो तथा शिवालयों में महिलाओं ने श्रृद्धा सहित धार्मिक आयोजनों में अखंड दीप जलाने की परंपरा भी निभाई। ग्रामीण क्षेत्रों में तीजा को “तीजा माता” के गीत गाए। हरितालिका तीजा का पर्व बरेली सहित अंचल में आस्था, भक्ति और परंपरा के साथ उल्लासपूर्वक मनाया गया।