
मंत्री- नरेन्द्र शिवाजी पटेल भी हुए द्रवित, कहा- आज का दिन मेरे जीवन का सबसे भावुक क्षण
प्रदीप धाकड़/कमल याज्ञवल्क्य
बरेली (रायसेन)।
शुक्रवार सुबह बरेली नगर में उस समय हर कोई स्तब्ध रह गया जब नगर परिषद की कचरा गाड़ी से एक स्वस्थ नवजात बच्ची जीवित अवस्था में मिली। बच्ची को तत्काल एम्बुलेंस से शासकीय अस्पताल पहुँचाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उसका उपचार प्रारंभ किया। बच्ची की हालत फिलहाल स्थिर बताई जा रही है।
इस अमानवीय घटना से नगर सहित पूरे क्षेत्र में गहरा आक्रोश और संवेदना का माहौल है। समाजसेवी, जनप्रतिनिधि और आमजन इसे मानवता को शर्मसार करने वाली कड़ी घटना मान रहे हैं, और मानवता को शर्मसार और लज्जित करने वाली तथा गहरी पीढ़ा देने वाली घटना बता रहे हैं।
मंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल ने कहा, आज का दिन मेरे जीवन का सबसे भावुक क्षण
इस घटना पर क्षेत्र के विधायक एवं मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल भी गहराई से भावुक हो उठे। उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर लिखा – आज का दिन मेरे जीवन का सबसे भावुक क्षण है। एक मासूम बेटी को इस तरह त्याग देना हृदय को विचलित कर गया। मंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल ने इस घटना पर भावुक होते हुए आगे लिखा- नहीं पालना तो हमको दे दो,पर मानवता को शर्मसार न करो। बरेली में जो आज घटना सामने आई है, उससे मन बहुत द्रवित है, शर्मसार है। उन्होंने सवाल उठाया कि-नवजात बिटिया को कचरा गाड़ी में क्यों फेंका ?
इसके पीछे विभिन्न कारण हो सकते हैं। परंतु जो भी हो, ईश्वर ने जिसको जन्म दिया है उसको पूरा जीवन जीने का अधिकार है। जैविक माता पिता पालना चाहें या न रखना चाहें पर समाज व शासन की जिम्मेदारी है। हम अपने कर्तव्य का निर्वहन करेंगे।
क्षेत्र का जनप्रतिनिधि होने के नाते मेरा सभी से अनुरोध है कि यदि ऐसी स्थिति हो तो मुझे पूर्व से ही अवगत करा दें, सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से नवजात के पुनर्वास की व्यवस्था करेंगे तथा विधि का पालन करते हुए मातापिता की पहचान भी गोपनीय रखेंगे। मंत्री श्री पटेल ने आगे लिखा कि-
लेकिन इस प्रकरण में मानवता को शर्मसार करने के साथ-साथ नियम कानूनों का भी उल्लंघन किया है। अतः कानून अपना काम करेगा। बिटिया की पूरी जिम्मेदारी समाज व शासन निर्वहन करेंगे।हमारी पहली प्राथमिकता बच्ची के स्वस्थ जीवन की सुरक्षा है। समाज को बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ के संकल्प को आत्मसात करना होगा।”
यह कहा, बरेली नगर वासियों ने
मन को अंदर तक झकझोर देने वाली और मानवता को शर्मसार करने वाली इस घटना पर बरेली नगरवासियों ने कहा कि यह घटना सामाज पर गहरा प्रश्नचिह्न है। लोग द्रवित होकर इस नवजीवन की रक्षा और परवरिश के लिए आगे आने की अपील कर रहे हैं। यह घटना न केवल बरेली बल्कि पूरे प्रदेश के लिए सोचने का विषय है कि आज भी मासूम बेटियों को इस तरह निर्दयता से त्याग दिया जाता है। समाज के हर वर्ग से अपेक्षा है कि वह बेटी को बोझ नहीं समझे और उनके भविष्य की रक्षा सभी की जिम्मेदारी और कर्तव्य मानें।
यह कहा इन्होंने…
हम लोग वार्ड नंबर 13 एवं 14 , से कचरा ले रहे थे।नरसिंह टेकरी पर रुके, हेल्पर ने देखा कि गाड़ी से बच्ची के रोने की आवाज आ रही थी। हमने हमारे अधिकारी को जानकारी दी। टीम पहल वाले आ गए थे। बच्ची को अस्पताल लेकर गए।
इरशाद खान (राजू),
कचरा गाड़ी का ड्राइवर
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मैनें बच्ची को देखा सांस चल रही थी, रूह काँप गई। सब लोग इकठ्ठे हो गए। बच्ची को देखा- कचरा हटाया और साफ किया। सब लोग बच्ची को अस्पताल लेकर गए। सब जल्दी उसका पता करें।
स्थानीय निवासी नरेंद्र मांझी वार्ड 13 बरेली
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शुक्रवार सुबह करीब आठ बजे सूचना मिली कि नगर पंचायत की कचरा गाड़ी में एक जीवित नवजात बच्ची है। तत्काल फीमेल शिशु को अस्पताल में भर्ती कराया गया। बच्ची स्वस्थ्य है।
कपिल गुप्ता,
थाना प्रभारी- बरेली
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शुक्रवार सुबह टीम पहल के सदस्य एक नवजात जीवित बच्ची को लेकर अस्पताल आए थे। तुरंत बच्ची को भर्ती कर उपचार किया जा रहा है। हमारे द्वारा पुलिस को जानकारी दे दी गई , तथा बरिष्ठ कार्यालय को भी अवगत करा दिया गया है। आगे जैसा भी होगा, समुचित कार्रवाई करेंगे। बच्ची का उपचार प्राथमिकता है।
डॉक्टर हेमंत यादव,
सीबीएमओ, सिविल अस्पताल बरेली
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आंखों में आंसू और मन में पीढ़ा के साथ लिखी खबर
शुक्रवार सुबह कचरा गाड़ी से जीवित नवजात बच्ची के मिलने की खबर ने अंदर तक झकझोर दिया। मानवता को कलंकित करने वाली यह खबर लिखना काफी कठिन हो रहा था। अंततः आंखों में आंसू और अंदर तक झकझोर देने वाली गहरी पीढ़ा के साथ खबर लिखने की चुनौती भी रही,कि आखिर मानवता कब तक शर्मशार होती रहेगी? ऐसी खबर लिखना ही क्यों पड़े?
प्रदीप धाकड़/ कमल याज्ञवल्क्य