रीवा-सीधी कलेक्टर को फटकार, सीएम बोले खाद नहीं बटवा सकते तो कलेक्टर रहने का अधिकार नहीं

जो कलेक्टर जिले के किसानों को खाद नहीं वितरित कर सकता, वह जिला क्या चलाएगा? ऐसे कलेक्टरों को अब हटाने की आवश्यकता है। खराब प्रशासनिक व्यवस्था के कारण प्रदेश के कई जिलों में किसान परेशान हो रहे हैं और सरकार की किरकिरी हो रही है। यह बातें मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने प्रदेश के कलेक्टरों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान कहीं। उन्होंने रीवा और सीधी के कलेक्टर को फटकार लगाते हुए कहा कि अगर किसानों को समय पर खाद नहीं मिल पा रही है, तो इसके लिए प्रशासनिक व्यवस्थाएं दोषी हैं। 

जानकारी के अनुसार, उन्होंने रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल और सीधी कलेक्टर आईएएस स्वरोचिष सोमवंशी को सीधे शब्दों में फटकार लगाते हुए कहा कि यदि आप लोग किसानों को खाद उपलब्ध नहीं करवा पा रहे हैं, तो आपको कलेक्टर रहने का कोई अधिकार नहीं है। मुख्यमंत्री खाद वितरण को लेकर रीवा में किसानों पर लाठीचार्ज से खासे नाराज थे। 

रीवा की घटना के बाद ली कलेक्टरों की क्लास

रीवा जिले में मंगलवार को खाद के लिए प्रदर्शन कर रहे किसानों पर लाठीचार्ज की घटना से नाराज मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बुधवार को प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों की क्लास ली। उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक करते हुए रीवा और सीधी के कलेक्टरों को फटकार लगाई, तो शाजापुर, जबलपुर, धार और दमोह जिले के कलेक्टरों की पीठ भी थपथपाई।

उन्होंने इन जिलों में खाद वितरण व्यवस्था को आदर्श बताते हुए कहा कि यदि कलेक्टर उचित तरीके से खाद का वितरण नहीं करवा सकते, तो उन्हें कलेक्टर के पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है। 

यह हुआ था दो सितंबर को रीवा में

रीवा जिले के करहिया मंडी में खाद के लिए किसान लंबे समय से परेशान हैं। यहां दो-दो दिनों तक किसान कतार में लगकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। मंगलवार को जब अचानक खाद वितरण केंद्र का काउंटर बंद कर दिया गया, तो किसान भड़क उठे। किसानों ने नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। 

इस दौरान पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज कर दिया था। इस लाठीचार्ज की किसान संगठनों और कांग्रेस ने कड़ी निंदा की थी और साथ ही प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे। घटना के सामने आने के 24 घंटे के भीतर ही मुख्यमंत्री ने आपात बैठक बुलाकर प्रदेश में खाद की उपलब्धता और वितरण व्यवस्था को लेकर कलेक्टरों की बैठक ली। इसी दौरान उन्होंने रीवा और सीधी के कलेक्टरों को फटकार भी लगाई। 

सीधी में भी किसानों ने किया था प्रदर्शन

रीवा के साथ ही खाद के लिए परेशान सीधी जिले के किसानों ने भी जमकर प्रदर्शन किया था। जानकारी के अनुसार, जिला विपणन केंद्र में खाद के लिए घंटों लाइन में लगे रहने वाले किसानों को खाली हाथ केंद्र से लौटना पड़ा था, जिसके बाद किसान बिफर उठे थे।

उन्होंने कार्यालय के सामने प्रदर्शन करते हुए जिले में खाद की कालाबाजारी का आरोप लगाया था। किसानों का कहना था कि निजी दुकानों पर महंगे दामों पर खाद बेचा जा रहा है, जबकि सरकारी केंद्रों पर खाद नहीं दिया जा रहा है। यह मामला भी राज्य स्तर तक पहुंचा था, जिसे लेकर सीएम खासे नाराज बताए जा रहे थे।

यह खबरें भी पढ़ें…

इंदौर में आज इ-बसों की सौगात देंगे सीएम मोहन यादव, जीतू पटवारी भी जिले में आएंगे नजर

संघ प्रमुख डॉ. भागवत 14 सितंबर को आएंगे इंदौर, मंत्री पटेेल की किताब का विमोचन, सीएम के साथ नंबर 1 का जश्न कल

इन जिलों की हुई तारीफ, कलेक्टरों की ठोकी पीठ

वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान सीएम ने मध्यप्रदेश के ऐसे जिलों की तारीफ भी की, जहां खाद वितरण शांतिपूर्ण तरीके से किया जा रहा है। बैठक के दौरान यह बात सामने आई कि खाद वितरण के मामले में शाजापुर, जबलपुर, दमोह और धार जिले में सबसे बेहतर व्यवस्था है। इन जिलों में किसानों को ऑनलाइन टोकन दिए जाते हैं, और जब उनका नंबर आता है, तब वे पैसे जमा करके खाद उठा लेते हैं।

इस व्यवस्था में किसानों के बीच कोई विवाद नहीं होता और व्यवस्था शांतिपूर्ण रहती है। शाजापुर और जबलपुर में ऑनलाइन टोकन सिस्टम लागू किया गया है, जबकि दमोह और धार में कलेक्टरों के इंतजामों की सराहना की गई है। 

खाद संकट और सीएम की नाराजगी को ऐसे समझें इनशार्ट में 

हरियाणा: करनाल में किसानों पर हुआ लाठीचार्ज, विरोध में रोहतक-पानीपत हाईवे  जाम - Gohana Road Jam By Farmers Rohtak Panipat national Highway protest  anger NTC - AajTak

मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को दी कड़ी चेतावनी: डॉ. मोहन यादव ने रीवा और सीधी जिलों के कलेक्टरों को खाद वितरण में अव्यवस्था के लिए चेतावनी दी और कहा कि अगर वे किसानों को सही तरीके से खाद नहीं दे सकते तो उन्हें कलेक्टर रहने का अधिकार नहीं है।

खाद वितरण में हुई मारपीट: रीवा में खाद की कमी को लेकर किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिससे कई किसान घायल हो गए और स्थिति बिगड़ गई। किसानों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया।

बेहतर व्यवस्था वाले जिले: शाजापुर, जबलपुर, दमोह और धार में खाद वितरण व्यवस्था बेहतर पाई गई, जहां किसानों को ऑनलाइन टोकन दिए जाते हैं, जिससे विवाद और मारामारी की स्थिति नहीं बनती है।

कलेक्टरों की जिम्मेदारी: मुख्यमंत्री ने कहा कि खाद वितरण में कोई भी अव्यवस्था सीधे तौर पर कलेक्टर की जिम्मेदारी है, और उन जिलों के कलेक्टरों को तुरंत सुधारात्मक कदम उठाने होंगे।

खाद की कमी पर चिंता: प्रदेश में खाद की किल्लत को लेकर किसानों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिससे सरकार की किरकिरी हो रही है और इसे जल्द सुलझाने के लिए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं।

खाद संकट का यह है कारण

प्रदेश के कई जिलों में खाद की मांग इस समय काफी अधिक देखी जा रही है। शासन स्तर से खाद की आपूर्ति भी लगातार सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन वितरण व्यवस्था ठीक नहीं होने के कारण कई जगह अव्यवस्थाएं सामने आ रही हैं।

रीवा के मामले में भी यही देखने को मिला। यहां अगस्त के अंतिम सप्ताह में खाद की तीन रैक पहुंची थीं, जिनका वितरण किसानों को किया जाना था, लेकिन वितरण व्यवस्था ठीक नहीं होने के कारण किसानों को खाद मिलने में दिक्कतें सामने आईं, जिसे लेकर मुख्यमंत्री खासे नाराज दिखाई दे रहे थे। 

यह खबरें भी पढ़ें…

रीवा में खाद के लिए किसानों पर लाठीचार्ज, दो दिन से लगे थे कतार में, पुलिस ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा

News Strike : रीवा में किसानों पर बरसीं लाठियां, MP में गहराया खाद संकट, कब एक्शन लेगी सरकार?

सीएम का आदेश: संवाद से करे समस्या का समाधान

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग बैठक में कलेक्टरों को आदेश दिया कि वे इस समस्या का शीघ्र समाधान करें और किसानों के साथ संवाद बनाए रखें। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी जिले में खाद वितरण के दौरान कोई अव्यवस्था नहीं होनी चाहिए और इसे तुरंत सुधारने की जिम्मेदारी संबंधित कलेक्टरों की है। मुख्यमंत्री ने यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि अगले सीजन में इस तरह की समस्याएं न हों।

thesootr links

सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट केसाथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧👩

  • Related Posts

    क्या आप भी हैं कंटेंट क्रिएटर? 2050 में ऐसी होगी आपकी शक्ल-सूरत, हैरान कर देंगे ये बदलाव

    देश दुनिया न्यूज: सोशल मीडिया पर एक्टिव इंफ्लुएंसर और कंटेंट क्रिएटर्स आज ग्लैमरस दिखाई देते हैं। आने वाले समय में इनका प्रभावशाली व्यक्तित्व खो सकता है। विशेषज्ञों ने लगातार कंटेंट…

    Read more

    MP के डेढ़ लाख शिक्षकों की नौकरी संकट में! प्रमोशन और नौकरी के लिए अब ये करना जरूरी

    सुप्रीम कोर्ट का हालिया निर्णय भारत के शिक्षकों के लिए बड़ा बदलाव लेकर आया है। सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षकों के लिए TET (शिक्षक पात्रता परीक्षा) पास करने की अनिवार्यता पर…

    Read more

    You cannot copy content of this page