बरेली सहित पूरे अंचल में दस दिन तक भ​क्ति भाव से मनाया गया गणेश उत्सव पर्व

भक्तों ने भाव सहित कहा — गणपति बप्पा, मोरया अगले बरस तू जल्दी आ

प्रदीप धाकड़/कमल याज्ञवल्क्य
बरेली(रायसेन)।

विघ्न विनाशक, मंगल के दाता भगवान श्री गणेश की उपासना का महापर्व श्री गणेश उत्सव भक्तिपूर्ण माहौल में संपन्न हो गया।नगर बरेली सहित क्षेत्र के गांवों में श्रद्धा और उल्लास के साथ भगवान विघ्न विनाशक की उपासना की गई। दस दिनों तक सुबह से ही गणपति जी की पूजा आरती का क्रम शुरू हो जाता था जो रात तक चलता था। सुबह शाम भक्त भगवान की आरती पूजा में शामिल होते रहें। शनिवार अनंत चतुर्दशी पर दोपहर से ही भगवान गणेश की प्रतिमाओं के विदाई के लिए भक्त बारना नदी,नर्मदा नदी पर भक्त भावुक होते रहे। इसके अलावा गांवों में भी सरोवरों में गणपति जी को भाव साहित विदाई दी गई और सबके मंगल की कामना की गई। प्रशासन द्वारा इस बार घोघरा नदी में मूर्ति विसर्जन के लिए प्रतिबंध रहा। उल्लेखनीय है कि शनिवार शाम तक कुछ मूर्तियों विसर्जन किया जाता रहा तथा कुछ मूर्तियों का विसर्जन रविवार सुबह भी किया जाएगा।

ढोल नगाड़ो के सा​थ अपने प्रिय भगवान गजानन को दी बिदाई

भक्तों ने ढोल-नगाड़ों और बैंड-बाजों की धुन पर नाचतें हुए अपने गणपति जी को विदाई दी। पूरा वातावरण “गणपति बप्पा मोरया, मंगल मूर्ति मोरया” अगले बरस तू जल्दी आ के जयघोष से गूंजता रहा।नगर बरेली में अनेक स्थानों पर विघ्नों को हरने वाले विघ्न विनाशक भव्य रूपों में विराजे थे। सभी समिति के सदस्यों ने दस दिनों तक भक्ति साहित अपने प्रिय भगवान गणेश जी की आराधना की।

श्रद्धालुओं की भावनाएँ

भक्तों ने कहा कि प्रिय भगवान गणेश जी को विदा करन काफी किन्तु परंपरा के अनुसार ऐसा करना ही होतो है। सभी पूरे दस दिन आनंद और उमंग से भरे रहे। बरेली सहित संपूर्ण अंचल में गणपति उत्सव का उल्लास देखते ही बनता था। श्रद्धा और आस्था का यह संगम आने वाले दिनों तक पूरे क्षेत्र को भक्तिमय बनाए रखने के लिए याद रहेंगा।

  • Related Posts

    झांकियों से जगमगाई संस्कारधानी VIDEO : राजनांदगांव में निकली गणेश विसर्जन की झाकियां, 800 से अधिक पुलिस जवान रहे तैनात, ड्रोन कैमरे से भी की निगरानी

    ललित ठाकुर, राजनांदगांव. शहर में आज गणेश विसर्जन की झांकी धूमधाम से निकाली गई. इस साल 35 से अधिक झांकियां

    Read more

    पंडित प्रदीप मिश्रा बोले- धीरेंद्र शास्त्री और देवकीनंदन को नहीं कहा जा सकता संत

    भारत में संतों को लेकर हमेशा से ही एक बड़ा विमर्श रहा है। हाल ही में, कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने संत होने की परिभाषा पर अपनी राय दी और कहा…

    Read more

    You cannot copy content of this page