
MP News: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विवादों में घिरे मंत्री विजय शाह को नया काम सौंपा है। विजय शाह, जो हाल ही में विवादों के कारण सरकार से दूर हो गए थे, अब खिवनी अभयारण्य में आदिवासियों को समझाने की जिम्मेदारी निभाएंगे। विजय शाह वन विभाग की कार्रवाई से नाराज आदिवासियों को शांत करना होगा। इस फैसले पर राजनीतिक हलकों में चर्चा हो रही है।
नाराज आदिवासियों को समझाएंगे शाह
खिवनी अभ्यारण्य में वन विभाग द्वारा चलाए जा रहे अतिक्रमण विरोध अभियान से सीहोर और देवास जिले के आदिवासी समुदाय में काफी रोष है। आए दिन आदिवासियों द्वारा नाराजगी जाहिर करते हुए प्रदर्शन किए जा रहे है। 25 जून को देवास जिले के खातेगांव में व 28 जून को सीहोर जिला मुख्यालय पर आदिवासियों द्वारा भारी संख्या में पहुंचकर प्रदर्शन किया है।
इन प्रदर्शनों को देखते हुए मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया एक्स पर किए एक ट्वीट से मंत्री विजय शाह को इन आदिवासियों से चर्चा कर उनका असंतोष समाप्त करने का जिम्मा सौंपा है। इस नई जिम्मेदारी को शाह की मुख्यधारा की राजनीति में वापसी माना जा रहा है।
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खिवनी अभ्यारण्य में वन विभाग की कार्रवाई
खिवनी अभ्यारण्य में वन विभाग द्वारा 23 जून 2025 को सख्त अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया था। इस अभियान के दौरान आदिवासियों की फसलें नष्ट करने, वन भूमि पर उनके कब्जों को हटाने, उनके निर्माण को ढहाने जैसी कार्रवाईयां की गई थी। इन कार्रवाईयों से देवास और सीहोर जिले में फैले इस अभ्यारण्य के आदिवासी गांवो में रहने वाले हजारों आदिवासी खासे नाराज है। इनके द्वारा लगातार विरोध प्रदर्शन किए जा रहे है। जिससे प्रदेश सरकार बैकफुट पर है।
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कर्नल सोफिया कुरैशी को बताया था आतंकियों की बहन
आपरेशन सिंदूर को लीड करने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर मंत्री विजय शाह विवादों में आ गए थे। उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए कर्नल सोफिया कुरैशी को आतंकियों की बहन बता दिया था, जिस पर देशभर में विरोध प्रदर्शन व उनके इस्तीफे की मांग की जा रही थी। पार्टी और सरकार ने भी इनसे किनारा कर लिया था। इस मामले में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए मंत्री शाह पर एफआईआर तक दर्ज करवाई थी।
संकटमोचक की भूमिका से निभा सकते है मंत्री
लंबे समय से पार्टी की मुख्य धारा व सरकार से अलग थलग चल रहे थे। अब जबकि मुख्यमंत्री डां मोहन यादव ने स्वयं उन्हें इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है, यदि मंत्री विजय शाह आदिवासियों की नाराजगी खत्म करवाने में सफल होते है तो न केवल वो सरकार के लिए संकटमोचक की भूमिका में होंगे बल्कि पार्टी में भी उनकी प्रतिष्ठा फिर से स्थापित होगी।
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