अब कंपनियों से होगी अमानक खाद-बीज से हुए नुकसान की भरपाई,तैयारी में सरकार, जल्द आएगा नियम

अमानक खाद, बीज और कीटनाशकों का इस्तेमाल भारतीय कृषि क्षेत्र के लिए एक बड़ा खतरा बन चुका है। यह न केवल फसलों की उपज को घटाता है बल्कि भूमि की उर्वरता को भी प्रभावित करता है।

ऐसे में, अब सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए कठोर कदम उठाने का निर्णय लिया है, जिससे किसानों को हुए नुकसान की भरपाई निर्माता कंपनियों से हो सके। यह कदम कृषि क्षेत्र में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। 

अमानक उत्पादों से किसानों को हुआ नुकसान

अमानक खाद, बीज और कीटनाशक किसानों के लिए एक बड़ा संकट बन चुके हैं। राजस्थान के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चाैहान से मिलकर इस समस्या का समाधान करने का प्रस्ताव रखा है। उन्होंने मांग की है कि इस प्रस्तावित कानून में अमानक उत्पादों से हुए नुकसान का मुआवजा कंपनियों से लिया जाए। यह पहल किसानों के लिए एक बड़ी राहत हो सकती है, क्योंकि अब तक ऐसे नुकसान की भरपाई का कोई ठोस प्रावधान नहीं था।

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प्राकृतिक संसाधनों पर असर

अमानक उत्पादों का प्रयोग न केवल फसल की उत्पादकता को प्रभावित करता है बल्कि भूमि की उर्वरता पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है। ऐसे उत्पादों का लंबे समय तक उपयोग करने से मृदा में रसायन का संतुलन बिगड़ सकता है, जो बाद में फसलों की गुणवत्ता को प्रभावित करता है। इसके परिणामस्वरूप, किसानों को दोहरी समस्या का सामना करना पड़ता है — एक ओर घटित उपज और दूसरी ओर भूमि की खराब स्थिति।

नकली-खाद बीज से जुडे़ इस मामले को ऐसे समझें 

Bihar News: रबी के सीजन में बंगाल के रास्ते पहुंच रही नकली खाद और बीज की  खेप, किसाने रहें सावधान - Bihar News Consignment of fake fertilizers and  seeds reaching through Bengal

  1. केंद्र सरकार ने अमानक खाद, बीज और कीटनाशकों से किसानों को हुए नुकसान की भरपाई कंपनियों से कराने का प्रस्ताव रखा।
  2. राजस्थान के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने केंद्रीय कृषि मंत्री से मुलाकात कर कड़ा कानून बनाने की मांग की।
  3. अमानक उत्पादों का उपयोग न केवल फसल की उपज को प्रभावित करता है, बल्कि भूमि की उर्वरता पर भी बुरा असर डालता है।
  4. हाल ही में सोयाबीन फसल में नकली कीटनाशक डालने से किसानों की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई थी, जिसके बाद कार्रवाई की गई।
  5. केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा किसानों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए कठोर कानून बनाने पर सहमति जताई गई है।

कंपनियों की जिम्मेदारी तय करने का प्रस्ताव

राजस्थान के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात कर अमानक उत्पादों से किसानों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए कंपनियों से जुड़ी कानूनी जिम्मेदारी तय करने का प्रस्ताव रखा।

यह पहल ऐतिहासिक मानी जा रही है क्योंकि किसी भी राज्य के कृषि मंत्री ने इस तरह की मांग पहले नहीं की थी। उनके अनुसार, जब तक कंपनियां किसानों के नुकसान की जिम्मेदारी नहीं लेंगी, तब तक इस प्रकार की ठगी पर पूरी तरह से रोक नहीं लगाई जा सकती।

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नकली उत्पादों से बर्बाद फसलें

हाल ही में सोयाबीन फसल में नकली कीटनाशक डालने से किसानों की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई थी। इस घटना के बाद, संबंधित कंपनी का लाइसेंस तुरंत रद्द कर दिया गया और राज्य सरकार ने भी इस मुद्दे पर कार्रवाई की। इस घटना से स्पष्ट हुआ कि अमानक उत्पादों का उपयोग किस हद तक नुकसानदायक हो सकता है।

डॉ. मीणा ने यह भी स्पष्ट किया कि किसान किसी भी प्रकार के अन्याय का सामना नहीं करेंगे और दोषी कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

कड़ा कानून बनाने की दिशा में सरकार 

केंद्र सरकार इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है और कड़ा कानून बनाने पर विचार कर रही है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस प्रस्ताव पर सहमति जताई है,उन्होंने कहा कि सरकार ने इस दिशा में प्रयास प्रारंभ कर दिए है, जल्द ही अमानक खाद-बीज बनाने वाली कंपनियों पर कठोर कार्रवाई का नियम बनाया जाएगा।

जल्द ही एक मजबूत कानूनी प्रावधान सामने आ सकता है। यह कानून किसानों को उनके अधिकारों की रक्षा करने में मदद करेगा और कंपनियों को उनकी जिम्मेदारी का एहसास कराएगा। इससे कृषि क्षेत्र में पारदर्शिता और निष्पक्षता बढ़ेगी। 

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