सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: शिक्षक बनना है तो अब TET पास करना होगा

सुप्रीम कोर्ट ने 1 सितंबर को आदेश दिया कि सभी शिक्षकों को TET पास करना जरूरी होगा। जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने यह निर्देश दिया। जिन शिक्षकों की नौकरी में 5 साल से ज्यादा वक्त बचा है, उन्हें TET क्वालिफाई करना होगा। ऐसा न करने पर उन्हें इस्तीफा देना होगा या कंपल्सरी रिटायरमेंट लेना होगा।

5 साल से कम सेवा वाले शिक्षकों को राहत

कोर्ट की बेंच ने कहा कि जिन शिक्षकों की सेवा अवधि 5 साल से कम बची है, उन्हें TET पास करने की आवश्यकता नहीं होगी। वे रिटायरमेंट तक अपनी नौकरी पर बने रह सकते हैं। हालांकि, प्रमोशन चाहने वाले शिक्षकों के लिए TET पास करना अनिवार्य होगा।

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टीचर्स के लिए टीईटी अनिवार्य

👉 सुप्रीम कोर्ट ने 1 सितंबर को आदेश दिया कि सभी शिक्षकों को TET पास करना अनिवार्य होगा। जिन शिक्षकों की सेवा में 5 साल से ज्यादा का समय बचा है, उन्हें TET क्वालिफाई करना होगा।

👉जिन शिक्षकों की सेवा में 5 साल से कम समय बचा है। उन्हें TET पास करने की आवश्यकता नहीं होगी और वे रिटायरमेंट तक अपनी नौकरी पर बने रह सकते हैं। 

👉 2009 से पहले नियुक्त हुए शिक्षकों के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 2 साल का समय दिया है। ऐसे शिक्षकों को 2 साल के भीतर TET पास करना होगा। 

👉सुप्रीम कोर्ट ने अल्पसंख्यक दर्जे वाले शैक्षणिक संस्थानों को फिलहाल इस आदेश से राहत दी है। इस आदेश को अल्पसंख्यक स्कूलों पर लागू नहीं किया जाएगा। 

👉 यह आदेश शिक्षकों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उनके करियर की दिशा को प्रभावित करेगा। TET पास न करने की स्थिति में शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षकों को इस्तीफा देना या अनिवार्य रिटायरमेंट लेना होगा।

पुराने शिक्षकों को 2 साल की मोहलत

सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि जो शिक्षक 2009 से पहले नियुक्त हुए हैं और जिनके पास 5 साल से अधिक सेवा बची है, उन्हें 2 साल के भीतर TET पास करना होगा। ऐसा न करने पर उन्हें नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा। ऐसे शिक्षकों को केवल टर्मिनल बेनिफिट्स मिलेंगे।

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अल्पसंख्यक संस्थानों को राहत

अल्पसंख्यक दर्जे वाले शैक्षणिक संस्थानों को फिलहाल इस आदेश से राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस आदेश को फिलहाल अल्पसंख्यक स्कूलों पर लागू नहीं किया जाएगा। इस पर अंतिम फैसला तब तक नहीं लिया जाएगा जब तक कोर्ट की बड़ी बेंच आरटीई एक्ट के अल्पसंख्यक स्कूलों पर लागू होने के सवाल पर अंतिम निर्णय नहीं देती।

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