केके श्रीवास्तव गिरफ्तार, ईओडब्ल्यू ने भोपाल से पकड़ा

BHOPAL/RAIPUR. छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी केके श्रीवास्तव को रविवार तड़के ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध शाखा) रायपुर ने भोपाल के एमराल्ड होटल से गिरफ्तार किया। श्रीवास्तव पिछले एक साल से करोड़ों की ठगी के आरोप में फरार था। ईओडब्ल्यू पिछले एक साल से उसकी तलाश कर रही थी, लेकिन हर बार वह पुलिस को चकमा दे जाता था।

कंपनी से 15 करोड़ की ठगी

केके श्रीवास्तव पर आरोप है कि उसने भूपेश बघेल की सरकार में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में काम दिलाने के नाम पर दिल्ली की रावत एसोसिएट्स कंपनी से 15 करोड़ की ठगी की। रावत एसोसिएट्स के मालिक ने ईओडब्ल्यू में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें बताया गया कि श्रीवास्तव ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर कंपनी से 7 अलग-अलग बैंक खातों में 15 करोड़ रुपये जमा करवाए।

श्रीवास्तव का नेटवर्क और गिरफ्तारी

रावत एसोसिएट्स कंपनी हाइवे कंस्ट्रक्शन और सरकारी ठेके निर्माण से जुड़ी काम करती है। केके श्रीवास्तव की मुलाकात कंपनी के डायरेक्टर से 2023 में आध्यात्मिक गुरु आचार्य प्रमोद कृष्णन के माध्यम से हुई थी। श्रीवास्तव ने खुद को भूपेश बघेल का करीबी बताते हुए ठेका दिलाने के नाम पर 15 करोड़ रुपये लिए, लेकिन काम नहीं दिलाया। पिछले एक साल से फरार श्रीवास्तव पुलिस और जांच एजेंसियों को चकमा देता आ रहा था। वह अपने फोन और लोकेशन को बदलता रहता था और देश के विभिन्न हिस्सों में रहकर छिपा था।

ईओडब्ल्यू को जानकारी मिली कि श्रीवास्तव भोपाल के एमराल्ड होटल में ठहरा हुआ है, जिसके बाद रायपुर ईओडब्ल्यू ने भोपाल भेजी गई एक गोपनीय टीम द्वारा उसे गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी इतनी गोपनीय तरीके से की गई कि भोपाल में भी किसी को भनक नहीं लगी। श्रीवास्तव को लेकर ईओडब्ल्यू की टीम रायपुर रवाना हो गई है और देर रात रायपुर पहुंचने की संभावना है।

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500 करोड़ के फर्जी ट्रांजेक्शन और अन्य आरोप

सूत्रों के अनुसार, श्रीवास्तव ने 500 करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन के लिए जोमैटो और स्विगी में काम करने वाले कर्मचारियों के नाम पर फर्जी बैंक खातों की सृष्टि की थी। इन खातों में 500 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन किया गया। इस जानकारी को रायपुर पुलिस ने ईडी और आयकर विभाग को भेजा था।

धोखाधड़ी और दस्तावेजों की छानबीन

ईडी की जांच में यह खुलासा हुआ है कि श्रीवास्तव ने तीन-तीन करोड़ रुपये के तीन चेक जारी किए थे, जिन्हें “स्टॉप पेमेंट” के कारण रद्द कर दिया गया। इसके अलावा, श्रीवास्तव पर धोखाधड़ी के दस्तावेज तैयार करने का भी आरोप है, जिनमें छत्तीसगढ़ सरकार और ग्लोमैक्स इंडिया के नाम से फर्जी एग्रीमेंट शामिल थे।

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आगे की जांच

ईओडब्ल्यू अब श्रीवास्तव के फर्जीवाड़े और उसके द्वारा किए गए अन्य धोखाधड़ी मामलों की जांच कर रही है। जांच एजेंसियों का कहना है कि श्रीवास्तव की गिरफ्तारी से कई और बड़े खुलासे हो सकते हैं, क्योंकि उसका आपराधिक नेटवर्क और ठगी का तरीका बेहद जटिल है।

निष्कर्ष

केके श्रीवास्तव की गिरफ्तारी से यह स्पष्ट हो गया कि छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी रिश्तेदार ने न केवल सरकारी ठेकों में घपला किया, बल्कि बड़ी मात्रा में धन की हेराफेरी भी की। ईओडब्ल्यू और अन्य जांच एजेंसियां अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही हैं।

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केके श्रीवास्तव फ्रॉड केस 

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