
मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले के वनग्राम सोनेवानी के शासकीय प्राथमिक स्कूल की स्थिति राज्य के शिक्षा तंत्र की एक अलग तस्वीर पेश करती है। यहां स्कूल में 4 छात्र अध्ययनरत हैं, जबकि इनको पढ़ाने के लिए 2 शिक्षक तैनात हैं। इस छोटे से स्कूल में प्रति छात्र पर लाखों रुपये खर्च हो रहे हैं।
वहीं, लोक शिक्षण संचालनालय (DPI) ने मई 2025 में अपने पोर्टल को अपडेट किया है। इसमें मध्यप्रदेश के कई स्कूलों में शिक्षकों की स्थिति को बताया गया है। पोर्टल के अनुसार राज्य में 20,344 शिक्षक अतिशेष (Surplus) घोषित किए गए हैं। इसी तरह प्रदेश के कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी तो कई स्कूलों में एक ही शिक्षक से काम चल रहा है।
सोनेवानी में स्कूल की शुरुआत में थे 20 से अधिक छात्र
बालाघाट (Madhya Pradesh) के वनग्राम सोनेवानी में स्थित सरकारी प्राथमिक स्कूल पिछले 12 वर्षों से बहुत कम छात्र संख्या की समस्या से जूझ रहा है। यह स्कूल 1997 में शुरू हुआ था और शुरुआत में यहां 20 से अधिक छात्र थे। हालांकि, पिछले 12 सालों से यहां छात्र संख्या 10 तक नहीं पहुंच सकी है। वर्तमान में, 2025-26 के शैक्षणिक सत्र में सिर्फ 4 छात्र पंजीकृत हैं।
स्कूल में तैनात दो शिक्षकों की ये है स्थिति
इस स्कूल में 2 शिक्षक तैनात हैं। प्रधानाध्यापक चतुर्भुज राणा, जो 28 वर्षों से कार्यरत हैं और सहायक शिक्षक सुरेंद्र अमोलिया, जो पिछले 10 वर्षों से स्कूल में सेवाएं दे रहे हैं। दोनों शिक्षक इन 4 बच्चों को बहुत गंभीरता से पढ़ा रहे हैं। कक्षा पहली में एक, कक्षा दूसरी में दो और कक्षा तीसरी में एक छात्र है। कक्षा चौथी और पांचवीं में कोई विद्यार्थी नहीं है।
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सरकारी स्कूलों में अतिशेष शिक्षकों से संबंधित डेटा…
मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की स्थिति पर लगातार बदलाव हो रहे हैं। हाल ही में लोक शिक्षण संचालनालय (DPI) द्वारा अपडेट किए गए आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में 20,344 शिक्षक अतिशेष (Surplus) घोषित किए गए हैं। यह डेटा मई 2025 तक का है और राज्य के शिक्षा पोर्टल पर प्रकाशित हुआ है।
मध्यप्रदेश के कई जिले ऐसे भी हैं जहां स्कूलों में शिक्षक की कमी है। यहां के स्कूलों में पर्याप्त शिक्षक नहीं हैं, जिससे बच्चों की शिक्षा में बाधा आ रही है।
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अतिशेष शिक्षकों की स्थिति:
जिला | अतिशेष शिक्षक |
---|---|
भोपाल | 1,036 |
ग्वालियर | 1,038 |
इंदौर | 1,131 |
सागर | 1,145 |
सतना | 1,094 |
जबलपुर | 700 |
भिंड | 929 |
बालाघाट | 925 |
देवास | 801 |
रीवा | 965 |
राजगढ़ | 948 |
शिक्षक विहीन जिलों की स्थिति:
मध्यप्रदेश के कई जिले ऐसे हैं जहां स्कूलों में शिक्षक की कमी है। यहां के स्कूलों में पर्याप्त शिक्षक नहीं हैं, जिससे बच्चों की शिक्षा में बाधा आ रही है।
जिला | शिक्षक विहीन स्कूलों की संख्या |
---|---|
सिंगरौली | 111 |
रीवा | 84 |
शिवपुरी | 76 |
छतरपुर | 56 |
विदिशा | 56 |
सतना | 52 |
सागर | 43 |
सीहोर | 40 |
खंडवा | 40 |
दमोह | 37 |
एक शिक्षक वाले स्कूलों की स्थिति:
कुछ जिलों में एक शिक्षक के तहत कई कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है। यहां शिक्षकों की बहुत कमी है और एक शिक्षक को कई जिम्मेदारियां दी जा रही हैं।
जिला | एक शिक्षक वाले स्कूलों की संख्या |
---|---|
शिवपुरी | 420 |
सतना | 413 |
रीवा | 409 |
विदिशा | 351 |
सिंगरौली | 281 |
देवास | 273 |
सागर | 271 |
राजगढ़ | 244 |
मंदसौर | 213 |
छतरपुर | 202 |
अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति
स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव डॉ संजय गोयल के अनुसार, जिन जिलों के स्कूल शिक्षक विहीन हैं या एक शिक्षक के साथ संचालित हो रहे हैं, वहां पर अतिशेष शिक्षकों को भेजा जाएगा। इसके बाद इन खाली पदों पर अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी।
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