पर्यूषण पर्व आत्मशुद्धि ,संयम और सदाचार का प्रतीक: शुभांशु जी महाराज

दसलक्षण महापर्व का समापन, बरेली में भव्य शोभायात्रा निकली

 

सिटी बीट न्यूज
बरेली (रायसेन)।

दिगंबर जैन समाज बरेली द्वारा पर्यूषण पर्व के दसलक्षण महापर्व का समापन रविवार को धूमधाम से हुआ। इस अवसर पर सर्वोदय विद्यासंघ के संयोजन में जैन मोहल्ला स्थित श्री चंद्रप्रभु जैन मंदिर से विशाल शोभायात्रा निकाली गई, जो पुराना बस स्टैंड दिग्विजय परिसर तक पहुंची और पुनः मंदिर प्रांगण में संपन्न हुई।

भव्य झांकियां और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां

 

शोभायात्रा में त्रिलोकीनाथ का रजत विमान, आकर्षक झांकियां, दो घोड़े, बग्घियां, बैंड पार्टी और ढोल ग्रुप शामिल रहे। पाठशाला के बच्चों ने विभिन्न वेषभूषाओं में धार्मिक संदेश प्रस्तुत किए। महिला मंडल ने सतरंगी परिधान में ध्वज, छाता और कलश के साथ यात्रा की शोभा बढ़ाई। चमर ढराते युवा और पंचमेवा वितरण वाहन भी आकर्षण का केंद्र बने।

श्री शुभांशु जी महाराज के प्रवचन

परमगुरुभक्त श्री शुभांशु जी महाराज (शहपुरा) ने दसलक्षण पर्व के महत्व पर प्रवचन देते हुए कहा कि यह पर्व आत्मशुद्धि, संयम और सदाचार का प्रतीक है। दसों धर्मों – क्षमा, मार्दव, आर्जव, सत्य, शौच, संयम, तप, त्याग, आकिंचन्य और ब्रह्मचर्य – का आचरण जीवन को श्रेष्ठ बनाता है।

महापर्व का महत्व

दस दिनों तक चले पर्व में प्रतिदिन धार्मिक अनुष्ठान, प्रवचन और सामूहिक उपासना का आयोजन हुआ। समापन दिवस की शोभायात्रा ने नगर में अहिंसा, भाईचारे और धर्मप्रेम का संदेश दिया। इस दौरान नगर में जगह जगह स्वागत किया गया ।

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