MP सरकार का बड़ा कदम: सभी विभागों से मांगा गया बैंक खातों का ब्यौरा

MP News: मध्य प्रदेश सरकार ने आर्थिक अनियमितताओं की पहचान और रोकथाम के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। वित्त विभाग ने सभी विभागों से उनके बैंक खातों का विवरण और भविष्य की योजनाओं के लिए संभावित फंड जरूरतों की जानकारी मांगी है। यह पहल न केवल सरकार की वित्तीय योजना को सुदृढ़ करेगी, बल्कि ऑडिट प्रक्रियाओं में पारदर्शिता भी लाएगी। 

वित्त विभाग ने सभी बजट नियंत्रण अधिकारियों, एसीएस, प्रमुख सचिवों और विभागाध्यक्षों को पत्र लिखकर तीन दिन के अंदर जानकारी भेजने के निर्देश दिए हैं। इस रिपोर्ट को आगे नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) को भी सौंपा जाएगा। विभागों की ओर से पिछली बार मांगी गई जानकारी समय पर न मिलने के कारण सरकार ने अब समीक्षा बैठक की तैयारी शुरू कर दी है।

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फंडिंग की तैयारियों पर भी नजर

सरकार का यह आदेश केवल वर्तमान की जमा राशि तक सीमित नहीं है। सरकार ने बजट 2024-25 में प्रस्तावित नई योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए भविष्य में अनुमानित फंड की जरूरत के बारे में भी जानकारी मांगी है, जिससे कि योजनाएं बाधित न हों और वित्तीय असंतुलन की आशंका से बचा जा सके।

वित्त विभाग ने स्पष्ट किया है कि विभागों को बैंक खातों के अतिरिक्त लिए गए लोन और एडवांस की जानकारी भी देनी होगी। इससे यह पता लगाया जा सकेगा कि राज्य सरकार की कुल वित्तीय देनदारियां कितनी हैं और किन योजनाओं के लिए लोन लिया गया है।

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विभागों की लापरवाही पर सख्त रूख

वित्त विभाग ने यह भी बताया कि इससे पहले भी विभागों को 2 मई 2025 तक की मोहलत दी गई थी, लेकिन अधिकांश विभागों ने जानकारी नहीं भेजी। अब तीन दिन के भीतर फाइनेंसियल डिटेल्स न भेजने पर विभागों की जिम्मेदारी तय की जा सकती है। यह स्पष्ट संकेत है कि शासन वित्तीय अनुशासन को लेकर गंभीर है।

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ऑडिटर जनरल को भेजी जाएगी रिपोर्ट

जमा राशि और अन्य वित्तीय विवरणों की रिपोर्ट तैयार कर उसे नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) को भेजा जाएगा। इससे सरकार की वित्तीय गतिविधियों पर स्वतंत्र निगरानी संभव होगी और सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन मजबूत होगा।

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विभागों के प्रदर्शन का होगा मूल्यांकन

वित्त विभाग आने वाले दिनों में विभागों के वित्तीय सलाहकारों और वित्त अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित करेगा। इस जानकारी के आधार पर विभागीय खर्च और बजट उपयोग का मूल्यांकन किया जाएगा। यह बैठक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में निर्णायक साबित हो सकती है।

 

एमपी हिंदी न्यूज

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